भारत जोड़ो यात्रा: 145 दिनों में 4000 KM का सफर, यात्रा का हुआ समापन, कई विपक्षी दलों के प्रमुख हुए शामिल

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श्रीनगर में आसमान से गिरती बर्फ और जमीन पर लोगों के हुजूम के बीच राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हुए अनुभवों को दिल खोलकर साझा किया. राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी ने राजनीति का एक चेहरा दिखाया है. हम भी इंसानियत का एक चेहरा दिखाना चाहते हैं.

श्रीनगर: भारत जोड़ो यात्रा के समापन के मौके पर राहुल गांधी ने भारी बर्फबारी के बीच श्रीनगर में कश्मीर पोशाक ‘फेरन’ पहनकर भाषण दिया. उन्होंने कहा कि ‘मैं रोज 8 से 10 किलोमीटर दौड़ता था, इसलिए मुझे लगता था कि मेरे लिए भारत जोड़ो यात्रा कठिन नहीं होगी. मगर पैर में पहले की एक चोट उभर गई, तो सोचा कि 3700 किमी. कैसे चल पाऊंगा. लेकिन किसी तरह कर लिया.’ राहुल ने कहा कि इस यात्रा के दौरान बहुत कुछ सीखने को मिला. राहुल गांधी ने कहा कि ‘जब मैं कन्याकुमारी से आगे बढ़ रहा था, तब मुझे ठंड लग रही थी. मैंने कुछ बच्चे देखे. वे गरीब थे, उन्हें ठंड लग रही थी, वे मजदूरी कर रहे थे और कांप रहे थे. मैंने सोचा ठंड में ये बच्चे स्वेटर-जैकेट नहीं पहन पा रहे हैं, तो मुझे भी नहीं पहनना चाहिए.’

राहुल गांधी ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कई महिलाएं मुझसे मिलकर रोईं. उन्होंने बताया कि उनके रिश्तेदारों ने उनके साथ दुष्कर्म किया. उन्होंने पुलिस से बताने के लिए भी मुझे मना किया. राहुल गांधी ने कहा कि ‘इसी रास्ते से काफी साल पहले मेरे पुरखे ऊपर से नीचे आए और गंगा किनारे इलाहाबाद गए. इसलिए जब श्रीनगर आया तो मुझे लगा कि मैं अपने घर जा रहा हूं. मैं हमेशा सरकारी घरों में रहा, मेरा अपना कोई घर नहीं है.’

राहुल गांधी ने कहा कि ‘मेरे परिवार का अपना कुछ नहीं है. जो कुछ है वो आपने सिखाया है, कश्मीर ने सिखाया, लेह ने सिखाया है.’ राहुल गांधी ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों ने उनसे कहा कि आप पर ग्रेनेड हमला हो सकता है. राहुल ने कहा कि ‘मैंने कहा कि मैं 4 दिन में अपनी घर की ओर यात्रा करूंगा. मैंने नफरत करने वालों को मौका दिया कि मेरी टी शर्ट का रंग बदल दो, इसे लाल कर दो. लेकिन मुझे श्रीनगर में ग्रेनेड नहीं मिला. लोगों ने प्यार और आंसुओं से स्वागत किया.’ राहुल गांधी ने कहा कि ‘मैंने हिंसा देखी है, इसलिए मैं समझता हूं. नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने नहीं देखी है.’ राहुल ने कहा कि ‘मैं गारंटी देता हूं कि बीजेपी का कोई नेता कश्मीर में नहीं चल सकता है, क्योंकि वो डरते हैं.’

राहुल गांधी ने कहा कि ‘जब मैं अमेरिका में था, तब मेरे पास फोन आया की पापा मर गए. मैंने कहा मुझे पता है. बीजेपी के लोग ये दर्द नहीं समझते हैं. पुलवामा में जो शहीद हुए उनके परिवार वालों को पता है कि कैसा महसूस होता है, जब फोन आता है. मुझे पता है, मेरी बहन को पता है कि कैसा महसूस होता है.’ राहुल गांधी ने कहा कि ‘मेरा लक्ष्य इस तरह की कॉल आना बंद करना है. बीजेपी और आरएसएस मुझे गलियां देते हैं, पर मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं.’ राहुल ने कहा कि ‘बीजेपी ने राजनीति का एक चेहरा दिखाया है. हम भी इंसानियत का एक चेहरा दिखाना चाहते हैं.’ राहुल गांधी ने कहा कि वे नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलना चाहते हैं.

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