राजस्थान में क्या है वसुंधरा राजे का महत्व, भाजपा कार्यालय के बाहर लगे होर्डिंग्स पर “मैडम” की वापसी, किस बात का है इशारा

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सालों से पार्टियों के पोस्टर और होर्डिंग्स ने अक्सर संकेत दिया है कि हवा किस तरफ बह रही है।

जयपुर: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा 23 जनवरी 2023 को जयपुर में कोर कमेटी की बैठक के लिए पहुंचे थे। इस दौरान विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर, पूर्व सांसद ओम माथुर और नारायण पंचारिया और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक होर्डिंग पर चर्चा की। जिस पर राजस्थान के मैप के साथ BJP के प्रतीक कमल की तस्वीर बनी हुई है और साथ ही पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का भी चेहरा है।

BJP कार्यालय के बाहर लगा पोस्टर
इस होर्डिंग पर छोटे और मध्यम आकार के कमलों से घिरा एक विशाल कमल था। इस पर राजेंद्र राठौर की नजर पड़ी तो उन्होंने गुलाब चंद कटारिया के साथ चुटकी लेते हुए कहा, “उस राजस्थान के मैप में 200 विधानसभा सीटें हैं। हमारी सीटों में एक छोटा कमल है जबकि बीच में एक बहुत बड़ा है।” जिसके जवाब में कटारिया ने कहा कि हमें यह समझना होगा कि यह बड़ा क्यों है। राठौर ने शेखावत की ओर इशारा कर हंसते हुए कहा, “आज कल भाईसाहब दिल्ली बड़ी हो रही है।”

चर्चा में भाजपा के पोस्टर पर मैडम का चेहरा
अक्सर पार्टियों के पोस्टर और होर्डिंग्स से संकेत मिलता है कि हवा किस तरफ बह रही है। राजनेता अक्सर पोस्टरों पर अपना चेहरा पाने के लिए खींचतान में लगे रहते हैं। उसी संदर्भ में जयपुर में भाजपा के राज्य कार्यालय के बाहर एक चेहरे के साथ एक होर्डिंग पिछले कुछ दिनों से चर्चा का विषय बना हुआ है। वह चेहरा पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का है, जिनके समर्थकों ने कभी भी राज्य में शीर्ष पद पर लौटने के उनके संकल्प के बारे में कोई शिकायत नहीं की। हालांकि, आलाकमान की इस बारे में स्पष्ट अनिच्छा रही।

भाजपा कार्यालय के बाहर लगे इस होर्डिंग में पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बाएं कोने में थे जबकि गुलाब चंद कटारिया और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया दाईं ओर थे। होर्डिंग में वसुंधरा राजे नहीं थीं लेकिन अब कटारिया और पूनिया की आकार में मिलती-जुलती तस्वीरों के बीच राजे हैं। हालांकि, पूनिया के करीबी जो राजस्थान भाजपा में राजे के मुख्य विरोधियों में से एक हैं इस बात से इनकार करते हैं कि पोस्टर का कोई मतलब है। एक पूनिया समर्थक ने कहा, “कुछ महीने पहले जन आक्रोश यात्रा के पोस्टरों में भी उनकी तस्वीर थी। तो यह कोई नई बात नहीं है।”

BJP होर्डिंग्स से गायब हो गया था वसुंधरा राजे का चेहरा
हालांकि, पूनिया को सितंबर 2019 में भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद पार्टी कार्यालय के बाहर और राज्य के अन्य हिस्सों में पार्टी के होर्डिंग्स से वसुंधरा राजे का चेहरा गायब हो गया था। राजे के एक सपोर्टर ने कहा, “नए लोग आए, उन्हें जिम्मेदारियां दी गईं लेकिन पार्टी पूनिया के नेतृत्व में कई उपचुनाव हार गई। जन आक्रोश यात्रा को ठंडी प्रतिक्रिया मिली और पार्टी के भीतर विभाजन जैसे अन्य मुद्दे भी हैं। पार्टी अब कह रही है कि आपके पास मौका था और अब सच्चाई से वाकिफ होने का समय है। वसुंधरा राजे के समर्थक ने कहा कि यह वह थीं जिन्होंने 2003 में भाजपा को पहली जीत दिलाई थी। सपोर्टर ने कहा कि सिर्फ पोस्टर पर मत जाइए यह पूरी कहानी नहीं बताता है। पोस्टरों पर उनकी अनुपस्थिति के बावजूद वह मौजूद हैं।

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