जयपुर: मोबाइल ऑपरेटरर्स के बीच 5G सेवा लांच करने की प्रतिस्पर्द्धा ने उपभोक्ताओं के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। जल्दबाजी में शहरों में अधूरे तंत्र के साथ 5जी शुरू किया गया, जिससे कॉल ड्राप बढ़ गई है। राजस्थान के जयपुर, जोधपुर, उदयपुर व कोटा शहर में 5जी नेटवर्क से कॉल करने वाले उपभोक्ता का 4जी नेटवर्क पर कॉलिंग फेल हो रही है। परेशानी बढ़ी तो ऑपरेटर्स वॉयस कॉल सेवा को सुधारने में जुटे हैं। पूरे शहर को एक साथ 5जी लैस नहीं करने से यह स्थिति बनी है। कंपनियों का फोकस वॉयस से ज्यादा डेटा पर है। दो मोबाइल ऑपरेटर ने जयपुर, उदयपुर, कोटा,जोधपुर शहरों में 5जी सेवा लांच की है।
इस तरह हो रहा कॉल ड्राप
शहरों में सभी टॉवर पर 5जी के बीटीएस (बेस ट्रांसीवर स्टेशन) नहीं लगाए गए। ऐसे में एक इलाके से 5जी से कॉलिंग की गई, लेकिन दूसरी इलाके में 5जी लैस बीटीएस नहीं है तो 4जी पर कई कॉल डायवर्ट फेल हुई। ऐसा नहीं हो, इसके लिए हर टॉवर पर 4जी के साथ 5जी लैस बीटीएस भी होना जरूरी है।
कागजी रिपोर्ट के सहारे क्यों बैठा है सिस्टम?
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) और दूरसंचार विभाग (डीओटी) मानने को तैयार नहीं है कि राजस्थान में कॉल ड्राप समस्या है। वे केवल कनेक्टिविटी ड्राइव टेस्ट की कागजी रिपोर्ट पर ही भरोसा किए बैठे हैं।
इस तरह समझें, कहां दिक्कत
-ट्राई ने तकनीकी खामी के कारण 2 प्रतिशत कॉल ड्राप को छूट के दायरे में ले रखा है, लेकिन इससे ज्यादा होने पर ही पेनल्टी का प्रावधान है।
-ज्यादातर ड्राइव टेस्ट रिपोर्ट में कॉल ड्राप दर दो प्रतिशत से कम रहती आई है। जबकि, धरातल पर हकीकत यह है कि कॉल ड्राप समस्या बढ़ रही है।
-ट्राई व डीओटी अधिकारियों का तर्क है कि ज्यादातर प्रभावित उपभोक्ता शिकायत ही दर्ज नहीं कराते। ऐसे में जो अधिकारिक रिकॉर्ड होगा, उसी आधार पर रिपोर्ट जारी होती है।
-सवाल यह है कि, कनेक्टिविटी ड्राइव टेस्ट में सीधे उपभोक्ताओं की भागीदारी नहीं होती। इसमें उपकरण के जरिए अलग-अलग कनेक्टिविटी जांची जाती है। जब उपभोक्ता प्रभावित हैं तो वह दर्ज क्यों नहीं हो पाती।
अभी यहां 5जी सेवा
जयपुर, जाेधपुर, उदयपुर, कोटा
चुप नहीं बैठें, करें शिकायत
-संबंधित मोबाइल ऑपरेटर के कॉल सेंटर पर
-दूरसंचार विभाग और भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण
किस ऑपरेटर के कितने उपभोक्ता
एयरटेल- 2.19 करोड़
वोडाफोन-आइडिया- 1.04 करोड़
रिलायंस जियो- 2.42 करोड़
बीएसएनएल- 63.78 लाख