Spy Balloon: चीन ने भारत में भी भेजा था जासूसी गुब्बारा, अमेरिका को अंदेशा परमाणु हमले के लिए खुफिया टेस्टिंग कर रहा चीन

Date:

नई दिल्ली: चीन से 12 हजार किलोमीटर दूर, जमीन से 24 किलोमीटर ऊपर अमेरिकी क्षेत्र में चीनी गुब्बारा क्या करने गया था? चीन का कहना है कि ये मौसम की जानकारी जुटा रहा था। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने चीन के इस दावे को नकार दिया है। डिफेंस एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऐसे गुब्बारे का मकसद मौसम की जानकारी जुटाना या सिर्फ जासूसी करना नहीं है। हो सकता है कि चीन परमाणु हमले के लिए कोई नया तरीका ईजाद कर रहा हो। अमेरिका के डिफेंस एक्सपर्ट एचआई सटन के मुताबिक, ऐसा ही एक गुब्बारा जनवरी 2022 में भारत के ऊपर भी मंडरा चुका है।

चीन से अमेरिका किस रास्ते से आया था जासूसी गुब्बारा?
चीन के जासूसी गुब्बारे को 28 जनवरी को अमेरिकी एयरपोर्ट जोन में दाखिल होते हुए देखा गया था। इसके बाद वह 3 फरवरी को मोटांना क्षेत्र में उड़ता दिखा। यह अमेरिका का एक न्यूक्लियर मिसाइल क्षेत्र है। सेना को शक था कि गुब्बारे से चीन जासूसी कर रहा है। इसके बाद से उस पर नजर रखी जाने लगी। इसके बाद शनिवार दोपहर को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बैलून को मार गिराने का आदेश दिया। इसके बाद उस बैलून के ऐसे इलाके में आने का इंतजार किया गया जिससे उसे गिराए जाने पर लोगों को कोई खतरा न हो। फिर कैरोलिना कोस्ट से 6 मील की दूरी पर सभी तरह के एयर ट्रैफिक को बंद कर दिया गया है। जब बैलून 60 से 65 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था, उस दौरान अमेरिका के एक F-22 फाइटर जेट ने मिसाइल हमले से चीन के जासूसी गुब्बारे को मार गिराया।

आसानी से रडार की पकड़ में क्यों नहीं आता जासूसी गुब्बारा?
जिस जासूसी गुब्बारे की बात हो रही है उसका इतिहास दूसरे विश्व युद्ध से जुड़ा है। जापानी सेना ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान गुब्बारे के जरिए अमेरिका में आग लगाने वाले बम लॉन्च किए थे। कैप्सूलनुमा ये गुब्बारे कई वर्ग फीट के होते हैं। जैसे चीन का जासूसी गुब्बारा 120 फीट चौड़ा और 130 फीट लंबा था। इन गुब्बारों में हीलियम गैस होने की वजह से ये आमतौर पर जमीन से 37 किलोमीटर की ऊंचाई पर उड़ने की क्षमता रखते हैं। इसी वजह से इनका इस्तेमाल मौसम से जुड़ी जानकारी जुटाने के लिए किया जाता रहा है। ऊंचाई पर उड़ने की क्षमता के कारण इनसे जासूसी भी की जाती है। साथ ही यह रडार के पकड़ में भी नहीं आते। अमेरिकी एयरफोर्स के एयर कमांड और स्टाफ कॉलेज की 2009 की एक रिपोर्ट के अनुसार, सैटेलाइट के मुकाबले जासूसी गुब्बारे बड़े इलाकों को करीब से स्कैन करने की क्षमता रखते हैं। साथ ही इनमें टारगेट क्षेत्र में ज्यादा समय बिताने की क्षमता होती है।

क्या इस गुब्बारे में परमाणु बम रखकर ले जाया जा सकता है?
डिफेंस एक्सपर्ट ने दावा किया है कि चीन इस गुब्बारे का इस्तेमाल परमाणु हथियारों को ले जाने के लिए कर सकता है। अमेरिकन लीडरशिप एंड पॉलिसी फाउंडेशन की 2015 की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि दुश्मन देश द्वारा लॉन्च किए गए गुब्बारे अमेरिका में परमाणु हथियार गिरा सकते हैं। साथ ही इलेक्ट्रिकल ग्रिड में हस्तक्षेप कर सकते हैं। इस रिपोर्ट के लेखक एयरफोर्स के मेजर डेविड स्टकनबर्ग ने लिखा था कि इस तरह के गुब्बारे को कुछ ही महीनों में बनाकर लॉन्च किया जा सकता है। कई सौ किलोग्राम के हथियार को इतनी ऊंचाई पर ले जाने के बाद इसे कोई रडार भी डिटेक्ट नहीं कर सकता है। स्टकनबर्ग ने शुक्रवार को कहा कि चीन का यह गुब्बारा एक प्रकार का ड्राई रन है जो अमेरिका को एक रणनीतिक संदेश भेजने के लिए लॉन्च किया गया है। डिफेंस एक्सपर्ट जॉन पैराचिनी ने बताया कि जो गुब्बारा अमेरिका के आसमान में मंडरा रहा था, वह लगभग तीन बस जितना लंबा था।

भारत समेत दुनिया के दूसरे देशों में भी देखे गए चीनी गुब्बारे
अमेरिका के डिफेंस एक्सपर्ट एचआई सटन ने दावा किया है कि जनवरी 2022 में चीन के जासूसी गुब्‍बारे ने भारत के सैन्य बेस की जासूसी की थी। इस दौरान चीन के जासूसी गुब्बारे ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्‍लेयर के ऊपर से उड़ान भरी थी। उस दौरान सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीर भी वायरल हुई थी। उस वक्त भारत सरकार की तरफ से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया था। यह खुलासा भी नहीं हो सका था कि यह गुब्‍बारा किसका था। हालांकि, तब भी चीन पर ही शक जताया गया था। स्‍थानीय मीडिया संगठन अंडमान शीखा की 6 जनवरी 2022 की रिपोर्ट में यह सवाल उठाया गया था कि किस एजेंसी ने आसमान में इस गुब्‍बारे को उड़ाया है और क्‍यों? यदि इस गुब्बारे को अंडमान में किसी एजेंसी ने नहीं उड़ाया है तो इसे जासूसी के लिए भेजा गया था?

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Popular

More like this
Related

भारत के शतरंज सितारे डी. गुकेश के बारे में 10 अनसुनी बातें

डी. गुकेश ने बहुत कम उम्र में अंतरराष्ट्रीय शतरंज...

Steve Wozniak: एपल के सह-संस्थापक स्टीव वोज्नियाक की तबीयत बिगड़ी, मैक्सिको के अस्पताल में कराया गया भर्ती

नई दिल्ली: एपल के सह-संस्थापक स्टीव वोज्नियाक की तबीयत...

Turkey Blast: तुर्किये में संसद के पास भीषण धमाका-गोलीबारी; सरकार ने बताया आतंकी हमला

हमलावरों ने जिस जगह को निशाना बनाया, वहां कई...
en_USEnglish