Rajasthan: Right To Health Bill हड़ताल पर धरती के भगवान, प्रदेशभर में हाहाकार मचा

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राजस्थान में डॉक्टर्स का राइट टू हेल्थ बिल का विरोध लगातार तेज होता जा रहा है. आज प्रदेशभर में सेवारत चिकित्सक भी हड़ताल (Doctors Strike) पर हैं. इससे पूरे राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से चरमरा गई है. मरीज मारे-मारे फिर रहे हैं. कई जगह इलाज के अभाव में मरीजों की मौत के भी मामले सामने आ रहे हैं.

जयपुर: राइट टू हेल्थ बिल (Right To Health Bill) के खिलाफ राजस्थान में डॉक्टर्स का चल रहा आंदोलन मरीजों के लिए गले की फांस बन गया है. आरटीएच पर आमने सामने हुई अशोक गहलोत सरकार और डॉक्टर्स की जंग का खामियाजा प्रदेशभर में मरीजों को उठाना पड़ा रहा है. राइट टू हेल्थ बिल को वापस लेने की मांग पर अड़े डॉक्टर्स आर पार की लड़ाई के मूड में आए हुए हैं. इसके चलते आज मेडिकल टीचर्स और सेवारत चिकित्सक भी स्ट्राइक (Doctors Strike) पर हैं. प्रदेशभर में करीब 14000 सेवारत चिकित्सक हैं. इसके अलावा 1500 से अधिक है मेडिकल टीचर्स हैं. करीब 4000 से अधिक रेजिडेंट डॉक्टर्स ने भी कार्य बहिष्कार कर रखा है.

डॉक्टर्स की हड़ताल के चलते पूरे राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई है. राइट टू हेल्थ बिल के खिलाफ निजी और सरकारी डॉक्टर्स एकजुट हो गए हैं. मेडिकल टीचर्स ने अगले 24 घंटो तक किया कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है. हालांकि जयपुर के सबसे बड़े एसएमएस अस्तपाल समेत प्रदेश के अन्य सरकारी अस्पतालों में ओपीडी के लिए वैकल्पिक इंतजाम किए गए हैं लेकिन वे नाकाफी साबित हो रहे हैं. एसएमएस में अलग-अलग ओपीडी में प्रशासनिक अधिकारी लगाए गए गए हैं. आरटीएच को लेकर आज जयपुर में मेडिकल टीचर्स एसएमएस अस्पताल में गेट मीटिंग है. उसके बाद डॉक्टर्स की ओर से ठेला रैली निकाली जाएगी.

चिकित्सा शिक्षा सचिव ने कड़ी कार्रवाई के दिए आदेश
डॉक्टर्स की हड़ताल को देखते हुए चिकित्सा शिक्षा सचिव ने मंगलवार को सर्कुलर जारी कर मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल्स को कड़े निर्देश दिए हैं. इसमें ओपीडी, आईसीयू, इमर्जेंसी सेवाएं और प्रसूति रोग से जुड़ी सेवाएं निर्बाध रूप से चलाने के आदेश दिए गए हैं. आदेशों में कहा गया है कि डॉक्टर्स और स्टाफ की उपस्थिति रोजाना भिजवाई जाए. विशेष परिस्थितियों में ही अवकाश स्वीकृत किया जाए. अवकाश स्वीकृत कराए बिना रहने वाले मेडिकल स्टाफ की अनुपस्थिति को स्वेच्छा से अनुपस्थित मानते हुए कार्रवाई करें. रेजीडेंट्स की ओर से कर्तव्य में लापरवाही और राजकीय सम्पत्ति को नुकसान समेत मरीज-परिजनों से दुर्रव्यवाहर पर पंजीयन रद्द करने की कड़ी कार्रवाई की जाए. कार्य बहिष्कार करने पर अनुशानात्मक कार्रवाई करें.

एसएमएस अस्पताल में रोजाना करीब 600 ऑपरेशन होते हैं
राजस्थान में करीब 10 दिन से प्राइवेट डॉक्टर्स आदोलन कर रहे हैं. प्राइवेट डॉक्टर्स के आंदोलन से स्वास्थ्य सेवाएं पहले से ही प्रभावित हो रही थी. उसके बाद आंदोलन को रेजिडेंट्स डॉक्टर्स के समर्थन से हालात और बिगड़ गए. अकेले जयपुर के एसएमएस अस्पताल में रोजाना करीब 600 ऑपरेशन होते हैं. इनमें करीब 150 बड़े और 450 ऑपरेशन छोटे होते हैं. लेकिन डॉक्टर की रैली वाले दिन हुए महज कुल 209 ऑपरेशन हुए. 27 मार्च को 30 बड़े और 179 माइनर ऑपरेशन हुए. इससे पहले 25 मार्च को 58 बड़े और 285 माइनर ऑपरेशन हुए थे.

सामूहिक हड़ताल का मामला हाईकोर्ट पहुंचा
सरकार और डॉक्टर्स के बीच चल रही जंग में पिस रही जनता को देखते हुए अब यह मामला हाईकोर्ट भी पहुंच गया है. इस मसले को लेकर एडवोकेट डॉ. पी. सी. जैन ने पीआईएल लगाई है. इसमें डॉक्टरों की सामूहिक हड़ताल पर सवाल उठाए गए हैं. इस मामले पर हाईकोर्ट 31 मार्च को सुनवाई करेगा. बहरहाल इस मसले का कोई हल निकलता दिखाई नहीं दे रहा है और मरीजों की जान पर बनी हुई है.

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