NCP: शरद पवार ने बेटी सुप्रिया और प्रफुल्ल पटेल को बनाया कार्यकारी अध्यक्ष, भतीजे अजित को बड़ा झटका

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एनसीपी में शरद पवार के भतीजे अजित पवार को यह अहम पद न देना अपने आप में कई सियासी संकेत देता है। दरअसल, पवार ने यह एलान एनसीपी की स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के मौके पर किए। इस दौरान अजित पवार मंच पर ही मौजूद थे।

नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में पिछले महीने शरद पवार की ओर से पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद जो भूचाल आया था, वह उनके इस्तीफा वापस लेने के बाद ही थमा था। हालांकि, इससे पार्टी में अंदरूनी हितों से जुड़े मुद्दे खुलकर सतह पर आ गए थे। इस बीच राकांपा में संगठन में बड़े बदलाव किए गए हैं। शरद पवार की ओर से एनसीपी में अब दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए हैं। इनमें शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले का नाम भी शामिल है। वहीं, दूसरा नाम प्रफुल्ल पटेल का है।

इस बीच एनसीपी में शरद पवार के भतीजे अजित पवार को यह अहम पद न देना अपने आप में कई सियासी संकेत देता है। दरअसल, पवार ने यह एलान एनसीपी की स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के मौके पर किए। इस दौरान अजित पवार मंच पर ही मौजूद थे। पवार ने प्रफुल्ल पटेल को मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, झारखंड, गोवा राज्य के अलावा राज्यसभा की जिम्मेदारी सौंपी। वहीं, सुप्रिया सुले के पास महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, यूपी और लोकसभा की जिम्मेदारी दी गई है।

कार्यकारी अध्यक्ष पद के बंटवारे पर क्या बोले छगन भुजबल
इस बीच राकांपा नेता छगन भुजबल ने शरद पवार के एलान पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कार्यकारी अध्यक्ष के एलान के साथ ही चुनाव का काम और लोकसभा-राज्यसभा का काम बंट जाएगा। उन्हें चुनाव नजदीक आने के साथ ही कंधों पर ज्यादा जिम्मेदारी दी गई है। यह 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अहम एलान है।

अजित पवार के भाजपा में जाने की लगी थी अटकलें
दो महीने पहले ही शरद पवार के इस्तीफे की वापसी के बाद अजित पवार के भाजपा में शामिल होने की अटकलें लग रही थीं। हालांकि, अजित ने इन अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि वह एनसीपी में हैं और एनसीपी में ही रहेंगे। अजित पवार ने कहा कि ‘मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ऐसी खबरें फैलाई जा रही हैं।’ उन्होंने कहा था कि ‘पार्टी जो भी फैसला करेगी, मैं उसके साथ रहूंगा।’

अजित ने ही किया था शरद पवार के इस्तीफे का समर्थन
दो महीने पहले जब शरद पवार ने राकांपा अध्यक्ष पद छोड़ने का अचानक से एलान किया था। तब अजित पवार ही एकमात्र ऐसे नेता थे, जिन्होंने शरद पवार के इस्तीफे का समर्थन किया था और पार्टी के अन्य नेताओं को इसका सम्मान करने को कहा था। हालांकि, बाद में शरद पवार ने पार्टी के कहने पर अपना इस्तीफा वापस ले लिया था।

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