स्मृति इरानी के सोनिया गांधी पर आक्रामक बयान : क्या परिवार की लड़ाई संसद में आई

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बीजेपी नेता स्मृति इरानी को आक्रामक अंदाज में संसद के अंदर और बाहर पहले कई बार देखा गया है. लेकिन सोनिया गांधी का जो अंदाज संसद के अंदर नेताओं और कुछ रिपोर्टरों ने देखा, वो उनके चिर परिचित स्वभाव से मेल नहीं खाता. ऐसा सोनिया गांधी को करीब से जानने वाले कई जानकारों का मानना है.

ऐसा नहीं कि सोनिया गांधी पर निजी हमले राजनीति में इससे पहले नहीं हुए, चाहे सोनिया गांधी के विदेशी मूल का मामला हो या फिर उनके प्रधानमंत्री बनने की सुगबुगाहट पर सुषमा स्वराज का सिर मुंडवाने वाला बयान, सोनिया गांधी को सार्वजनिक जगह पर ग़ुस्से में इक्का दुक्का बार ही देखा गया.

ऐसे ही एक वाकये का ज़िक्र करते हुए वरिष्ठ पत्रकार रशीद किदवई कहते हैं, “80 के दशक की बात है. राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे. उनके साथ सोनिया गांधी भी हैदराबाद के दौरे पर थी. उस दौरे में एयरपोर्ट पर उन्हें रिसीव करने कई नेता आए थे.
उनमें से एक नेता को ग़ुस्से में सोनिया गांधी को ये कहते हुए सुना गया कि आप मेरे बारे में क्या कुछ बक़वास बोलते रहते हैं. ये ठीक नहीं है. बाद में बात खुली तो पता चला मामला ‘ ग़लत पहचान’ का था. सोनिया गांधी ने जिस नेता को डांटा था, उनके बारे में ग़लत बयानी उन्होंने की ही नहीं थी. वो कोई और ही नेता थे.”

सोनिया गांधी के स्वभाव के बारे में वो कहते हैं, “उनकी और मेनका गांधी की आपस में नहीं बनती थी. सोनिया गांधी को मेनका गांधी के बारे में इंदिरा गांधी से कुछ कहना भी होता था तो वो चिट्ठी लिख कर ही बताती थी. ये भी उनके शिष्टाचार का ही तरीका था.” वो सोनिया गांधी, गुरुवार को स्मृति इरानी से नाराज़ हो गईं. आख़िर क्यों?

क्या है पूरा मामला
पूरा मामला कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के बयान से जुड़ा हुआ है. कांग्रेस नेता सोनिया गांधी से तीन दिनों तक प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ का विरोध कर रहे हैं और धरना दे रहे हैं. बुधवार को धरने के दौरान ही अधीर रंजन चौधरी ने एक समाचार चैनल से बातचीत के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए ‘राष्ट्रपत्नी’ शब्द का इस्तेमाल कर दिया था.

राष्ट्रपति भवन ना जाने देने को लेकर उन्होंने कहा, “कल जाने नहीं दिया गया. आज भी जाएंगे. हिंदुस्तान की राष्ट्रपति जी सबके लिए हैं. राष्ट्रपति जी, नहीं राष्ट्रपत्नी जी, हिंदुस्तान की राष्ट्रपत्नी जी सबके लिए हैं. हमारे लिए क्यों नहीं?”बीजेपी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए राष्ट्रपत्नी शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति दर्ज की.”

इस मौके पर स्मृति इरानी ने कहा, “जब से द्रौपदी मुर्मू का नाम राष्ट्रपति के उम्मीदवार के रूप में घोषित हुआ तब से ही द्रौपदी मुर्मू कांग्रेस पार्टी की घृणा और उपहास का शिकार बनीं. कांग्रेस पार्टी ने उन्हें कठपुतली कहा.”

“कांग्रेस आज भी इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रही कि एक आदिवासी महिला इस देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद को सुशोभित कर रही हैं. सोनिया गांधी द्वारा नियुक्त नेता सदन अधीर रंजन ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्र की पत्नी के रूप में संबोधित किया. सोनिया गांधी को माफ़ी माँगनी चाहिए.”

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ हंगामे की वजह से दोपहर 12 बजे लोकसभा स्थगित होने के बाद सोनिया गांधी ने बीजेपी सांसद रमा देवी से ये पूछा कि मेरा नाम क्यों लिया जा रहा है. बीच में स्मृति इरानी ने कहा कि क्या मैं इसका उत्तर दे सकती हूं.

इस पर सोनिया गांधी ने कहा ‘डोंट टॉक टू मी’. बस फिर क्या था पूरे मामले ने और तूल पकड़ा. स्मृति इरानी विवादआम तौर पर विपक्ष राहुल गांधी पर तो हमलावर दिखता है लेकिन सीधे सोनिया गांधी पर हमलावर कम ही रहता है.

लेकिन अधीर रंजन चौधरी के बयान पर स्मृति इरानी ने जिस तरीके से सोनिया गांधी का नाम घसीटा – इस पर कई तरह के विश्लेषण किए जा रहे हैं. पिछले दिनों जब सोनिया गांधी से ईडी पूछताछ कर रही थी, तब कांग्रेस ने स्मृति इरानी के परिवार के भ्रष्टाचार में जुड़े होने का आरोप लगाया था.

कांग्रेस नेता जयराम रमेश, पवन खेड़ा और महिला कांग्रेस प्रमुख नेट्टा डिसूज़ा ने पिछले शनिवार को एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी के परिवार के ख़िलाफ़ गंभीर आरोप लगाए और उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की. उन्होंने आरोप लगाया कि गोवा में इरानी की बेटी द्वारा चलाए जा रहे एक ‘रेस्तरां कम बार’ ने फर्ज़ी लाइसेंस लिया है.

गोवा में कथित रूप से ‘अवैध बार’ से जुड़े होने के आरोपों के बीच केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी की बेटी ज़ोइश ने शनिवार को इन आरोपों बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा है कि न तो वो ये रेस्तरां चला रही हैं और न ही वो इसकी मालकिन हैं. वहीं, स्मृति इरानी इस मामले को अदालत लेकर गई. इससे पहले भी कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने जब स्मृति इरानी के ख़िलाफ़ अभद्र टिप्पणी की थी तब भी वो कोर्ट गई थीं

परिवार बनाम परिवार का झगड़ा


बीजेपी ईडी की पूछताछ को लेकर सोनिया गांधी पर हमलावर है, वहीं कांग्रेस स्मृति इरानी की बेटी को लेकर बीजेपी पर हमलावर है. गोवा में कथित रूप से ‘अवैध बार’ से जुड़े होने का आरोप कांग्रेस ने स्मृति इरानी की बेटी पर लगाया, क्या इस वजह से सोनिया पर हमलावर थीं स्मृति इरानी – इस सवाल पर वरिष्ठ पत्रकार अदिति फडणीस कहती है, ” सोनिया गांधी और स्मृति इरानी के बीच जो कुछ गुरुवार को संसद में हुआ उसकी अपनी एक पृष्ठभूमि है और एक इतिहास भी है.”

उसी इतिहास के बारे में वो कहती हैं, “जब सोनिया गांधी राजनीति में पूरी तरह सक्रिय नहीं हुई थी, तो उनके ख़िलाफ़ निजी हमले काफी होते थे. ‘आगे आगे इटालियन और पीछे पीछे बटालियन’ इस तरह के जुमलों का इस्तेमाल तो आम था.

फिर विदेशी मूल का मुद्दा उठा था. हाल के दिनों में उन पर ऐसा हमला नहीं हुआ है, लेकिन पहले बहुत कुछ हो चुका है. तो शायद स्मृति इरानी ने सोचा होगा पहले जो चुनाव के मैदान में बोलते हैं वो संसद में बोला जाए तो क्या बुरा है.”
गोवा मामले पर अदिति कहती हैं, “इसमें कोई शक नहीं कि स्मृति इरानी अपनी बेटी को बहुत मानती हैं. उनको लेकर काफ़ी ट्वीट भी करती रहती है. कांग्रेस के ख़िलाफ़ बीजेपी अब तक कुछ करती आ रही थी, वही पलटवार कांग्रेस ने बीजेपी पर किया है. स्मृति इरानी के परिवार के भ्रष्टाचार को उजागर करना इसी रणनीति का हिस्सा है. कोई माँ अपने बच्चे पर हमला बर्दाश्त नहीं कर सकती. स्मृति इरानी को अपनी बेटी पर नाज़ है तो सोनिया गांधी पीछे क्यों हटे. आप उनके बेटे राहुल गांधी को लेकर जो मन में आए वो कहें, और ये सोचें की सोनिया बचाव नहीं करेंगी अपना और अपने परिवार का तो ये तो ज़्यादती है.”

हालांकि स्मृति इरानी और सोनिया गांधी के बीच संसद में हुई उस नोक-झोंक को वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सिंह राहुल गांधी और स्मृति इरानी का झगड़ा मानते हैं, जिसमें सोनिया गांधी बीच में क्रॉस फायरिंग में आ गई.

प्रदीप सिंह कहते हैं, “चाहे स्मृति इरानी हों या फिर सोनिया गांधी दोनों के एक दूसरे से निजी शिकायतें रही हैं. सोनिया गांधी को लगता है कि उनके दामाद और राहुल गांधी पर स्मृति इरानी ने काफी कुछ कहा है वहीं स्मृति इरानी को लगता है कि मेरी बेटी को कांग्रेस ने निशाना सोनिया गांधी के कहने पर बनाया.


इस वजह से दोनों एक दूसरे से नाराज़ हैं. सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच राजनीतिक विवादों ने इस नाराज़गी को और बढ़ाया है. सोनिया और राहुल को ईडी के सामने पेश होना पड़ा ये कांग्रेस के लिए बड़ा सेटबैक है. पाँच-सात साल पहले भारत की राजनीति में गांधी परिवार के लिए ऐसा सोचना कल्पना से परे था. अब ऐसा होने के बाद गांधी परिवार के हमला करने की हिम्मत नेताओं में और बढ़ गई है.”

स्मृति इरानी के गांधी परिवार पर बयान

हालांकि स्मृति इरानी की तरफ़ से गांधी परिवार पर हमले की शुरुआत तो 2014 से ही हो गई थी, जब रॉबर्ट वाड्रा के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के आरोप बीजेपी ने लगाई थे. राहुल गांधी के ख़िलाफ़ स्मृति इरानी जब अमेठी चुनाव लड़ने गईं तो ये हमले और तेज़ हुए. 2014 में वो हार गई थीं, लेकिन 2019 में उन्होंने राहुल गांधी को हराया था. इस वजह राहुल गांधी और उनके बीच की तकरार हमेशा राजनीतिक मानी गई. हालांकि ये भी सच है कि स्मृति इरानी ने सोनिया गांधी पर सीधे इस तरह का आक्रामक बयान पहले कभी नहीं दिया.

कुछ जानकारों की राय में ये बीजेपी की बड़ी रणनीति का हिस्सा हो सकता है. स्मृति के बयान के बाद बीजेपी के बड़ा नेता निर्मला सीतारमण हो या भी पीयूष गोयल या फिर प्रह्लाद जोशी सबने अधीर रंजन चौधरी के बयान पर सोनिया गांधी को भी घेरा.

स्मृति इरानी की अमेठी जीत के बाद उन पर ‘अमेठी संग्राम’ नाम की किताब वरिष्ठ पत्रकार अनंत विजय ने लिखी है. उन्होंने इस किताब के लिए स्मृति इरानी से बात भी की.

राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी के साथ रिश्तों के बारे में उस किताब में जिक्र मिलता है.

किताब में सोनिया गांधी के बारे में स्मृति इरानी के हवाले से लिखा है, “जब मंत्री पद पर की मैंने शपथ ली, तो सोनिया गांधी मेरे पास आईं और कहा, जब तुम शपथ ले रही थी तो मैंने ही सबसे ज़्यादा ताली बजाई.”

राहुल गांधी पर स्मृति इरानी ने कहा कि संसद में आते जाते, मिलते समय भी दोनों की आपस में बातचीत नहीं होती.

वहीं प्रियंका गांधी के बारे स्मृति इरानी के हवाले से किताब में लिखा है, ” एक बार एक हवाई जहाज पर मैं और प्रियंका गांधी साथ में सफर कर रहे थे. उस वक़्त मैं प्रियंका गांधी के पास गई और खु़द का परिचय कराते हुए कहा, मैं ही स्मृति इरानी हूं, बीजेपी की सदस्य स्मृति इरानी.”

रशीद किदवई गुरुवार को संसद में जो कुछ हुआ उसे राजनीतिक शिष्टाचार से जोड़ कर देखते हैं. उनका मानना है कि पिछले कुछ सालों में राजनीतिक शिष्टाचार में सभी राजनीतिक दलों में काफी कमी आई है.

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