अमरनाथ हादसा : बादल फटने से आया मौत का सैलाब, अब तक 16 की मौत, 40 लापता

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जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम बादल फटने (Amarnath Cloudburst) की वजह से हुए हादसे में अब तक 16 श्रद्धालुओं की मौत की पुष्टि हो चुकी है, 40 से ज्‍यादा लोग अभी भी लापता है। ऐसे में आशंका है कि मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है। हादसे में 45 से ज्‍यादा लोग घायल हैं।
मौके पर डटीं आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीमें शुक्रवार शाम से ही से लगातार बचाव अभियान में जुटी हैं। देर रात तक राहत और बचाव कार्य चलता रहा। शनिवार सुबह से एक बार फिर ऑपरेशन में तेजी लाई गई है। हालात के मद्देनजर बचाव अभियान में हेलीकॉप्टर और खोजी कुत्तों की भी मदद ली जा रही है।

15,000 श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला गया
बाढ़ के कारण पवित्र गुफा क्षेत्र के पास फंसे अधिकांश यात्रियों को पंजतरणी ले गाया गया है। जब बादल फटने की घटना हुई तो माहौल कितना भयावह था, सुनिए चश्मदीदों की जुबानी

बेस अस्पतालों पर चल रहा यात्रियों का इलाज
हादसे में घायल हुए 45 लोगों का बेस अस्पतालों में इलाज चल रहा है। मरीजों की देखभाल के लिए 28 डॉक्टर, 98 पैरामेडिकल स्टाफ और 16 एंबुलेंस को ड्यूटी पर लगाया गया है।इसके साथ ही SDRF की टीमें भी बचाव अभियान में लगी हुई हैं।

डॉक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ की छुट्टी रद्द
घटना में हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका को देखते हुए जम्मू कश्मीर के स्वास्थ्य सेवा निदेशालय ने कश्मीर घाटी में तैनात सभी सरकारी मेडिकल और पैरा-मेडिकल स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी हैं।

मौसम साफ नहीं, श्रद्धालुओं को रोका गया
सोनमर्ग के बालटाल बेस कैंप से अमरनाथ यात्रा अस्थाई रूप से स्थगित की गई है। एक श्रद्धालु ने कहा है कि हमें आज के लिए यहां टेंट में रहने के लिए कहा गया है। वहां (अमरनाथ गुफा) मौसम साफ नहीं है।

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