बजट 2023 में बेसिक इनकम टैक्स की छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जा सकता है. जानकारों का मानना है कि सैलरी वाले मध्यम वर्ग के टैक्सपेयर्स को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बड़ी राहत दे सकती हैं.
नई दिल्ली: बजट 2023 में बेसिक इनकम टैक्स की छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जा सकता है. जानकारों का मानना है कि सैलरी वाले मध्यम वर्ग के टैक्सपेयर्स को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बड़ी राहत दे सकती हैं. मौजूदा समय में, बेसिक इनकम टैक्स छूट की सीमा इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स के लिए दोनों नई और पुरानी इनकम टैक्स प्रणाली के तहत 2.5 लाख रुपये है.
अभी क्या हैं नियम?
इसके अलावा इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 87A के तहत पांच लाख रुपये तक की सालाना इनकम वाला इंडीविजुअल टैक्सपेयर 12,500 रुपये के इनकम टैक्स रिबेट के लिए योग्य होगा.
यह प्रावधान इनकम टैक्स की दोनों प्रणालियों के तहत उपलब्ध है. इसका मतलब है कि पांच लाख रुपये तक की नेट टैक्सेबल इनकम के साथ लोगों को इनकम टैक्स से पूरी तरह छूट है, चाहे वह किसी भी व्यवस्था को चुनते हैं. इस बात का ध्यान रखें कि इंडीविजुअल टैक्सपेयर के लिए बेसिक टैक्स छूट सीमा पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत आपकी उम्र और रेजिडेंशियल स्टेटस पर निर्भर करती है.
क्यों हो सकता है यह ऐलान?
एक्सपर्ट्स बजट 2023 में बेसिक टैक्स छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने को कह रहे हैं, जिससे खपत बढ़े और आर्थिक रिकवरी में भी मदद मिल सके. एसोचैम के सेक्रेटरी जनरल दीपक सूद ने कहा कि निजी इनकम टैक्स के लिए छूट की सीमा को बढ़ाने की डिमांड इस बात पर निर्भर करती है कि मिडल क्लास वाले ग्राहकों के हाथों में ज्यादा पैसा बचे. उन्होंने बताया कि इससे आर्थिक रिकवरी में डिमांड बढ़ाने में भी मदद मिलेगी.
आपको बता दें कि आम बजट 2023 की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. 1 फरवरी 2023 को पेश होने वाले बजट को टैक्सपेयर्स के लिए अहम माना जा रहा है. नौकरीपेशा के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन और इनकम टैक्स के सेक्शन 80C में निवेश के तहत छूट की लिमिट को बढ़ाया जा सकता है. टैक्सपेयर्स को टैक्स के मोर्चे पर पिछले 9 साल में कुछ हासिल नहीं हुआ. साल 2014 में सरकार ने टैक्स फ्री इनकम औरसेक्शन 80C की लिमिट बढ़ाई थी, लेकिन उसके बाद से ऐसी कोई बड़ी राहत टैक्सपेयर्स को नहीं मिली. आम चुनाव से पहले सरकार टैक्सपेयर्स को खुश कर सकती है. क्योंकि, मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का ये आखिरी पूर्ण बजट होगा.