Iran Saudi Arabia Conflict : दुनिया के सबसे बड़े शिया और सुन्नी मुल्क ने मिलाया हाथ, चीन में खत्म हुई ईरान और सऊदी अरब की दुश्मनी

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ईरान एक शिया मुल्क है और सऊदी अरब में सुन्नी सरकार है। दोनों देशों की विचारधाराएं बिल्कुल अलग हैं। यमन में ईरान हूती विद्रोहियों का समर्थन करता है तो वहीं सऊदी अरब यमन सरकार के साथ मिलकर उनके खिलाफ लड़ रहा है।

बीजिंग: ईरान और सऊदी अरब दो महीने के भीतर संबंधों को दोबारा स्थापित करने और दूतावासों को फिर से खोलने पर सहमत हुए हैं। ईरानी और सऊदी सरकारी मीडिया में यह जानकारी दी जा रही है। चीन की राजधानी बीजिंग में हुई वार्ता के बाद शुक्रवार को यह समझौता हुआ। यह संबंध करीब सात साल बाद दोबारा जुड़ने जा रहे हैं। साल 2016 में शिया धर्मगुरु निम्र अल-निम्र की सऊदी अरब में फांसी के बाद दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ गई थी। ईरानी प्रदर्शनकारियों के सऊदी राजनयिक मिशनों पर हमला करने के बाद सुन्नी सरकार रियाद ने शिया देश तेहरान के साथ संबंध तोड़ दिए थे।

ईरानी न्यूज एजेंसी IRNA ने शुक्रवार को बताया, ‘वार्ता के परिणामस्वरूप, ईरान और सऊदी अरब दो महीने के भीतर राजनयिक संबंधों को फिर से शुरू करने और दूतावासों को दोबारा खोलने पर सहमत हुए हैं।’ ईरान की सरकारी मीडिया ने चीन में हुई बैठक की तस्वीरें और वीडियो भी पोस्ट किए हैं। इसमें सऊदी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मुसाद बिन मोहम्मद अल-ऐबन और चीन के सबसे वरिष्ठ राजनयिक वांग यी के साथ ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव अली शामखानी नजर आ रहे हैं।

एक-दूसरे के आंतरिक मामले में नहीं देंगे दखल
ईरान के सरकारी टीवी चैनल ने कहा, ‘दोनों देशों के विदेश मंत्री राजदूतों के आदान-प्रदान की तैयारियों के लिए मिलेंगे। ईरानी मीडिया की एक वीडियो क्लिप में वांग को दोनों देशों की ‘समझदारी’ पर ‘बधाई’ देते हुए सुना जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘दोनों पक्षों ने ईमानदारी दिखाई है। चीन इस समझौते का पूरा समर्थन करता है।’ सऊदी प्रेस एजेंसी की ओर से प्रकाशित ईरान और सऊदी अरब के एक संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों देश संप्रभुता का सम्मान करने और एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में दखल न देने पर सहमत हुए हैं।

दोनों देशों के रास्ते बिल्कुल अलग
शिया बहुसंख्यक ईरान और सुन्नी मुस्लिम सऊदी अरब पश्चिम एशिया के कई संघर्ष क्षेत्रों में अलग-अलग पक्षों का समर्थन करते हैं। इनमें यमन भी शामिल है, जहां तेहरान हूती विद्रोहियों का समर्थन करता है तो वहीं रियाद एक सैन्य गठबंधन का नेतृत्व कर रहा है जो सरकार का समर्थन करता है। दोनों देशों का पड़ोसी इराक अप्रैल 2021 से ईरान और सऊदी अरब के बीच कई दौर की वार्ता की मेजबानी कर चुका है। इनमें दोनों पक्षों के सुरक्षा और खुफिया अधिकारी शामिल होते थे।

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