भारत में होने वाली आसियान के विदेश मंत्रियों की बैठक से म्यांमार को बाहर रखा जा सकता है. अंग्रेज़ी अख़बार द हिंदू ने इस ख़बर को प्रमुखता से छापा है. प्रेस रिव्यू की पहली ख़बर में इसे ही पढ़िए.
एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट नेशंस यानी आसियान देशों की बैठक में म्यांमार का प्रतिनिधित्व अहम माना जा रहा था क्योंकि भारत पर लगातार दबाव बढ़ता जा रहा था कि वो अपने पड़ोसी देश को इस उच्च स्तरीय बैठक से दूर रखे.
इसके पीछे दूसरा बड़ा कारण म्यांमार और आसियान देशों के लगातार ख़राब होते संबंध हैं, जो एक फ़रवरी 2021 को म्यांमार में हुए सैन्य तख्तापलट के बाद से ही बिगड़ रहे हैं.
द हिंदू अख़बार ने पहले भी बताया था कि भारत की ओर से म्यांमार के विदेश मंत्री वुन्ना मॉन्ग ल्विन को आमंत्रित करने की संभावना नहीं है. विदेश मंत्रालय ने बीते सप्ताह घोषणा की थी कि ‘आसियान देशों की सहमति’ के अनुरूप ही आसियान भारत सम्मेलन में म्यांमार की भागीदारी तय होगी.
हालाँकि, गुरुवार की बैठक में वुन्ना मॉन्ग ल्विन के शामिल न होने से ये माना जा रहा है कि भारत म्यांमार में सैन्य शासन को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताओं को दूर करने की कोशिश कर रहा है. म्यांमार की सैन्य सरकार ने लोकतंत्र की बहाली की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत करने से मना कर दिया है