इमरान खान और जुल्फिकार अली भुट्टो के जीवन में हुई कुछ घटनाएं मिलती हुई नजर आ रही है. जिसे देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं इमरान का भी भुट्टो जैसा हश्र ना हो.
नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और तहरीक-ए-इंसाफ के सुप्रीमो इमरान खान की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. एक के बाद एक उनकी पार्टी के नेताओं को मौजूदा शहबाज शरीफ सरकार विभिन्न मामलों में गिरफ्तार कर रही है. इसी बीच बुधवार को बलूचिस्तान में एक ऐसी घटना हुई है जिसके बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि कही पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो जैसा हाल इमरान खान का ना हो जाए. पाकिस्तान की मीडिया में सबसे ज्यादा इस बात को लेकर चर्चा है कि इमरान को जुल्फिकार की तर्ज पर ही फांसी पर लटकाया जा सकता है.
दरअसल, मंगलवार को बलूचिस्तान में एक वकील की हत्या कर दी गई है. अब्दुल रज्जाक नामक इस वकील ने इमरान खान के उपर देशद्रोह का मुकदमा चलाने के लिए बलूचिस्तान हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. अब अज्ञात हमलावरों ने क्वेटा शहर में गोलियों से भून कर रज्जाक की हत्या की. उनके बेटे ने आरोप लगाया है कि इमरान खान और उनकी पार्टी के नेताओं ने मिलकर पिता की हत्या कराई है.
इमरान पर नामजद एफआईआर
खास बात यह है कि इस मामले में बेटे की शिकायत के आधार पर इमरान खान के खिलाफ नामजद एफआईआर क्वेटा में दर्ज की गई है. बेटे का कहना है कि पिता ने देशद्रोह की धारा अनुछेद-6 के तहत इमरान खान के खिलाफ कोर्ट में याचिका लगाई थी. तभी से इमरान पिता की हत्या के लिए उकसावे वाले बयान दे रहे थे. आरोप लगाया गया कि इसी वजह से पिता की हत्या की गई है.
इमरान के मामले का जुल्फिकार से क्या है कनेक्शन?
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो को चार अप्रैल 1979 को देशद्रोह के एक मामले में फांसी पर लटका दिया गया था. इससे पहले तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल जियाउल हक तख्तापलट कर देश के राष्ट्रपति बन गए थे और उन्होंने भुट्टो को जेल में डाल दिया था. मौत से पांच साल पहले 11 नवंबर 1974 को वकील मोहम्मद अहमद खान कसूरी की हत्या कर दी गई थी. कसूरी ने भुट्टो के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया था. इसी मामले में उन्हें बाद में फांसी पर लटकाया गया. दोनों मामलों को एक साथ जोड़ते हुए पाकिस्तान की मीडिया में इमरान खान का जुल्फिकार अली भुट्टो जैसा हश्र होनी की बात कही जा रही है.