Maharashtra NCP Crisis: अजित पवार ने ठोका NCP के चुनाव चिह्न पर दावा, इधर एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों में बढ़ रही बैचेनी, कई जता रहे गठबंधन को लेकर आपत्ति

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मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, यानी NCP के संस्थापक शरद पवार और उनके बागी भतीजे अजित पवार की ओर से बुलाई गई दो बड़ी-बड़ी बैठकों के बाद पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न की लड़ाई अब चुनाव आयोग की चौखट पर पहुंच गई है. अजित पवार खेमे ने चुनाव आयोग से संपर्क कर दावा किया है कि पार्टी के अधिकतर विधायकों का समर्थन उन्हें ही हासिल है.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बन चुके अजित पवार ने 40 विधायकों, विधानपार्षदों और सांसदों के समर्थन के साथ NCP के नाम और प्रतीक चिह्न पर दावा पेश किया है. अजित पवार गुट के सभी विधायकों के दस्तख़त वाले हलफ़नामे चुनाव आयोग को सौंप दिए गए हैं, लेकिन इसके बाद भी उन्हें मुंबई में ही एक होटल में रखा गया है। चुनाव आयोग सूत्रों के अनुसार, बागियों द्वारा लिखे गए खत के मुताबिक, महाराष्ट्र में सत्तासीन गठबंधन में शामिल होने का भौंचक्का कर देने वाला कदम उठाने से कुछ दिन पहले ही 30 जून को अजित पवार को पार्टी अध्यक्ष मनोनीत कर दिया गया था.

बुधवार को बुलाई गई बैठक में 63-वर्षीय अजित पवार ने अपने भाषण के दौरान कहा कि वह मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखते हैं. उन्होंने अपने चाचा शरद पवार से सवाल किया कि वह कब सेवानिवृत्त होने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने कहा था, “अन्य पार्टियों में नेता एक उम्र के बाद रिटायर हो जाते हैं… BJP में नेता 75 साल में रिटायर हो जाते हैं, आप कब रुकने वाले हैं…आपको नए लोगों को भी मौका देना चाहिए… अगर हम गलती करते हैं, तो हमें बताएं… आपकी उम्र 83 साल है, क्या आप ऐसा करेंगे, कभी रुकेंगे या नहीं…?”

NCP के दोनों गुटों ने बुधवार को मुंबई में अलग-अलग बैठकें की थीं. शरद पवार की बैठक में पार्टी के केवल 14 विधायक शामिल हुए, जिससे अजित पवार आगे निकल गए। अजित पवार खेमे की बैठक में NCP के कुल 53 में से 32 विधायकों ने शिरकत की, जबकि शरद पवार की बैठक में 14 विधायक उपस्थित थे. अब नंबर गेम में पिछड़े शरद पवार ने नई दिल्ली में बैठक आहूत की है, जिसमें NCP की कार्यकारी अध्यक्ष और सांसद सुप्रिया सुले भी शामिल होंगी.

महाराष्ट्र की BJP-शिवसेना सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में अजित पवार के पिछले सप्ताह हुए प्रवेश से NCP में जंग छिड़ गई है. इस कदम से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का समर्थन करने वाले शिवसेना विधायकों में भी काफी बेचैनी पैदा हो गई है. मुख्यमंत्री ने अपनी सभी बैठकें और कार्यक्रम रद्द कर दिए, और बुधवार शाम अपने आधिकारिक आवास पर पार्टी की आपात बैठक बुलाई. सूत्रों के मुताबिक, विधायक गठबंधन पर आपत्ति जता रहे हैं, और उनका कहना था कि शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे कभी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ नहीं जुड़ते.

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