Rajasthan: सवाई माधोपुर चिंतन शिविर के बाद धूर विरोधी रहे वसुंधरा-किरोड़ी की डेढ़ घंटे की मुलाकात, साथ त्रिनेत्र गणेश जी के दर्शन भी किए, क्या हैं सियासी मायने?

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सवाई माधोपुर में भाजपा का चिंतन शिविर, इस साल पहली बार एक साथ दिखे हैं किरोड़ी लाल मीणा और वसुंधरा राजे, इसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे.

सवाई माधोपुर: राजस्थान में सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) और राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) की मुलाक़ात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. दरअसल, ये मुलाकात तब हुई है जब सवाईमाधोपुर में बीजेपी की चिंतन बैठक चल रही है. सवाईमाधोपुर किरोड़ी लाल मीणा का गढ़ कहा जाता है. वे यहां से विधायक रहे हैं और राजे सरकार में मंत्री भी बने थे. ऐसे में फिर अब चुनाव से कुछ महीने पहले यह मुलाकात हुई.

2023 में यह इन दोनों नेताओं की व्यक्तिगत पहली मुलाकात है. वैसे सभाओं और बैठकों में कई बार आमने-सामने होते रहे हैं, मगर डेढ़ घंटे की ये मुलाकात सियासी जगत में कई संदेश दे रही है. सवाईमाधोपुर में साल 2018 के चुनाव में बीजेपी को बड़ा नुकसान हुआ था.

दर्शन के बहाने ही बढ़ी सियासी हलचल
सोमवार की सुबह पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और किरोड़ी लाल मीणा ने सवाईमाधोपुर में त्रिनेत्र गणेश जी के दर्शन किए. छतरी के नीचे भगवान शिव, भगवान लक्ष्मीनाथ और जैन मंदिर में संभव नाथ भगवान के भी दर्शन किये गए. त्रिनेत्र गणेश जी के दर्शन के बाद दोनों नेता साथ लक्ष्मी नाथ मंदिर दर्शन गए. इस दौरान झालावाड़-बारां के भाजपा सांसद दुष्यंत भी दिखे. सूत्र बता रहे हैं कि यह मुलाकात पहले से तय नहीं थी, मगर आज डेढ़ घंटे तक ये दोनों नेता साथ रहे. इनके साथ उस दौरान बड़ी संख्या में वहां इनके समर्थक भी मौजूद रहे. इससे अब सियासी हलचल तेज हो गई है.

राजे ने किया था किरोड़ी का समर्थन
पिछले महीने जब किरोड़ी लाल मीणा घाट की घुणी के पास धरने पर बैठे थे तब उस दौरान मीणा को वसुंधरा राजे ने समर्थन दिया था. उन्होंने ट्वीट के माध्यम से किरोड़ी लाल का समर्थन किया था, मगर मुलाकात नहीं हुई थी. अब जब चुनाव नजदीक है और किरोड़ी लाल मीणा को भाजपा ने राष्ट्रीय कार्यसमिति में जगह दे दी है, तो इस मुलाकात के मायने निकाले जा रहे हैं.

चिंतन शिविर और मुलाकात
सवाईमाधोपुर में भाजपा ने दो दिन का चिंतन शिविर रखा है. सूत्र बता रहे हैं कि यह बैठक भी किरोड़ी लाल मीणा के सुझाव पर सवाईमाधोपुर में की गई है. जहां पर पूर्वी राजस्थान के सभी नेताओं का जुटान हो जायेगा और सभी से मुलाकात भी होगी. इस रणनीति के तरह यह मुलाकात भी हो गई है. सवाईमाधोपुर, दौसा, धौलपुर और भरतपुर में भाजपा को बड़ा नुकसान हुआ था. उसकी भरपाई के लिए अब इस मुलाकात को मजबूत माना जा रहा है.

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