AIMIM के चीफ असदुद्दीन औवेसी ने महिला आरक्षण बिल को लेकर विपक्षी दलों पर हमला बोला है. ओवैसी ने कहा कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और लालू यादव की पार्टी के नेता संसद में मुसलमानों का नाम लेने से डरते हैं. मैंने कहा कि मुस्लिम और ओबीसी महिलाओं को भी आरक्षण मिलना चाहिए. AIMIM चीफ असदुद्दीन औवेसी ने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए राहुल गांधी को हैदराबाद से चुनाव लड़ने की चुनौती भी दी.
हैदराबाद: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन औवेसी ने महिला आरक्षण बिल को लेकर विपक्षी दलों पर जोरदार हमला बोला है. हैदराबाद में एक जनसभा में ओवैसी ने कहा कि ‘कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और लालू यादव की पार्टी (RJD) के नेता संसद में मुसलमानों का नाम लेने से डरते हैं. मैं खड़ा हुआ और कहा कि मुस्लिम और ओबीसी महिलाओं को भी आरक्षण मिलना चाहिए…वे मुझसे कहते रहते हैं कि मैं महिलाओं के खिलाफ हूं, लेकिन सच्चाई यह है कि आप महिलाओं, ओबीसी और मुसलमानों के खिलाफ हैं.’
AIMIM चीफ असदुद्दीन औवेसी ने कहा कि बीजेपी नेता कहते रहे कि ‘हमारे दो सांसदों ने महिला आरक्षण बिल के खिलाफ वोट किया. 450 सांसदों ने बिल के पक्ष में वोट किया और केवल 2 ने बिल के खिलाफ वोट किया…जब सभी ने कहा कि 450 सांसद मेरे खिलाफ हैं, तो मैंने पूरे देश को बताया कि कांग्रेस और बीजेपी एक साथ हैं, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस भी एक साथ हैं. मैं अकेले पीएम मोदी से लड़ रहा हूं और आप सब साथ हैं.’
AIMIM चीफ असदुद्दीन औवेसी ने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए राहुल गांधी को हैदराबाद से चुनाव लड़ने की चुनौती भी दी. ओवैसी ने कहा कि ‘मैं कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को वायनाड से नहीं बल्कि हैदराबाद से चुनाव लड़ने की चुनौती देता हूं. आप बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, जमीन पर आइए मुकाबला करेंगे. कांग्रेस के लोग बहुत बातें करेंगे, लेकिन मैं तैयार हूं…यही कांग्रेस थी जब बाबरी मस्जिद और सचिवालय की मस्जिद गिराई गई…’
गौरतलब है कि एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक का विरोध किया और आरोप लगाया कि सरकार संसद में सिर्फ ‘सवर्ण महिलाओं’ का प्रतिनिधित्व बढ़ाना चाहती है. उसे पिछड़े वर्गों (ओबीसी) और मुस्लिम समुदाय की महिलाओं की चिंता नहीं है. लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के प्रावधान वाले ‘संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए उन्होंने यह दावा भी किया कि यह विधेयक समावेशी नहीं है और यह कुछ खास लोगों के लिए है. उन्होंने सवाल किया कि ओबीसी और मुस्लिम समुदायों के लिए आरक्षण का प्रावधान क्यों नहीं किया गया?