Rajasthan OBC Reservation: वसुंधरा सरकार की ‘विसंगतियाँ’ गहलोत सरकार से दूर करने की मांग

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सरकारी भर्तियों में ओबीसी आरक्षण विसंगति का मुद्दा, वर्ष 2018 में वसुंधरा सरकार ने किया बदलाव, अब गहलोत सरकार से संशोधन की उठ रही मांग, कांग्रेस के ही पूर्व मंत्री और विधायक ने खोला ‘मोर्चा’, बाड़मेर में कांग्रेस-भाजपा-रालोपा दिखे साथ-साथ

Jaipur: प्रदेश में सरकारी भर्तियों ओबीसी आरक्षण का मसला गरमाया हुआ है। विडम्बना भरी नौबत ये आई हुई है कि सरकार पर विपक्ष के नेताओं से ज़्यादा सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेता ही सरकार से मांग करने सड़कों पर उतर आये हैं। पूर्व मंत्री से लेकर मौजूदा विधायक सहित कई सीनियर नेता अपनी ही सरकार से इस गतिरोध को जल्द से जल्द समाधान खोजकर ख़त्म करने की मांग उठा रहे हैं।

दरअसल, सरकारी भर्तियों में आरक्षण नियमों में बदलाव के बाद ओबीसी वर्ग के युवाओं नुकसान होने की बात सामने आई है। बेरोज़गार युवा और उनका नेतृत्व कर रहे नेता सरकार से ओबीसी वर्ग के छात्रों को राहत देने के लिए भर्ती नियमों में संशोधन की मांग कर रहे हैं।

ये है पूरा मामला

राजस्थान में कार्मिक विभाग ने ओबीसी आरक्षण में संशोधन करते हुए 17 अप्रैल 2018 को एक आदेश जारी किया था. जिसमें भूतपूर्व सैनिकों को मिल रहे 12.5 फीसदी आरक्षण को समाप्त कर दिया गया था और भूतपूर्व सैनिकों को ओबीसी वर्ग के 21% आरक्षण में शामिल कर दिया गया था।

पूर्व मंत्री का ‘हल्ला बोल’, सरकार को चेतावनी

मुख्यमंत्री के बेहद ख़ास पूर्व मंत्री हरीश चौधरी भी अपनी ही सरकार के खिलाफ सोमवार को सड़कों पर उतरे दिखाई दिए। उन्होंने बाड़मेर में हज़ारों युवाओं की रैली का नेतृत्व करते हुए ओबीसी आरक्षण में संशोधन को लेकर सरकार को चेतावनी तक दे डाली। चौधरी ने कहा कि अगर सरकार इस संशोधन को वापस नहीं लेती है तो आने वाले समय में हजारों युवा इसका जवाब देंगे।

कांग्रेस विधायक ने भी बुलंद की आवाज़

नागौर के डेगाना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस एमएलए विजय पाल मिर्धा भी ‘सरकार’ से सरकारी भर्तियों में ओबीसी आरक्षण को लेकर विसंगतियां दूर करने की मांग करते दिखाई दे रहे हैं। मिर्धा ने आज एक ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री से अपील की। उन्होंने कहा, ‘ओबीसी आरक्षण में विसंगतियां दूर करने के लिए सरकार को भर्ती नियमों में संशोधन करना आवश्यक है ताकि वर्तमान सरकार द्वारा आयोजित विभिन्न भर्तियों में ओबीसी वर्ग के पदों को लेकर हुए नुकसान की भरपाई विभागों में पद सृजित कर की जानी सुनिश्चित की जाए।

दिव्या मदेरणा ने भी की सीएम से अपील

कांग्रेस पार्टी की विधायक दिव्या मदेरणा ने भी ओबीसी आरक्षण की विसंगतियों को दुरुस्त करने की मांग की है। मदेरणा ने कहा कि इन विसंगतियों को दूर करने के लिए मैंने पूर्व में भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। अभ्यर्थियों की मांग व उनके भविष्य को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से फिर निवेदन है कि ओबीसी युवाओं को राहत दी जाए।

एक मंच पर दिखे कांग्रेस-भाजपा-आरएलपी

ओबीसी आरक्षण में विसंगतियां दूर किये जाने की मांग को लेकर बाड़मेर में हुए विरोध-प्रदर्शन में प्रदेश की सियासत का एक अलग ही नज़ारा देखने को मिला। दरअसल, इस मांग के समर्थन में कांग्रेस-भाजपा और रालोपा, तीनों साथ आवाज़ बुलंद करते दिखाई दिए। कांग्रेस से जहां हरीश चौधरी मौजूद रहे जबकि भाजपा से पूर्व सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता एक ही मंच मौजूद रहे।

वसुंधरा कार्यकाल का मामला, भाजपा सांसद भी उतरे

ओबीसी आरक्षण में विसंगतियों का ये मुद्दा वर्ष 2018 के दौरान का है जब राज्य में वसुंधरा राजे सरकार रही थी।राजे सरकार ने ही सरकारी भर्तियों में ओबीसी आरक्षण में संशोधन करने के बाद कार्मिक विभाग द्वारा रोस्टर जारी करवाया था। अब वही व्यवस्था गहलोत सरकार में भी जारी है। यही वजह है कि इसमें संशोधन करने की पुरज़ोर मांग उठ रही है।

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