केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने राजस्थान के दौरे में प्रदेश भाजपा नेताओं को यह आभास नहीं होने दिया कि विधानसभा चुनाव 2023 में पार्टी किसे आगे करेगी। मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ने की तैयारी है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने एक दिवसीय राजस्थान के दौरे में प्रदेश भाजपा नेताओं को यह आभास नहीं होने दिया कि विधानसभा चुनाव 2023 में पार्टी किसे आगे करेगी। पीएम मोदी के चेहरे पर ही विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी है।
यदि जीत मिलती है तो चेहरा विधानसभा चुनाव के बाद ही तय होगा। राजस्थान में पिछले दो विधानसभा चुनाव वसुंधरा राजे के चेहरे पर ही लड़े गए थे, लेकिन इस बार वसुंधरा राजे के लिए राह आसान नहीं है। वसुंधरा समर्थक सीएम चेहरा घोषित करने की लगातार मांग कर रहे हैं।
वसुंधरा समर्थकों का कहना है कि सीएम चेहरा घोषित नहीं करने पर पार्टी को सियासी तौर पर नुकसान होगा। तर्क दे रहे है कि वसुंधरा राजे 36 कौम की नेता है। सभी समाज में स्वीकार्य है।
लेकिन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया और गजेंद्र सिंह शेखावत गुट पीएम मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं। वसुंधरा गुट इसे कटाक्ष के तौर पर देख रहे हैं।
वरिष्ठ नेताओं संग कोर ग्रुप की बैठक
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में राजधानी जयपुर में शनिवार को उत्तर क्षेत्रीय परिषद की 30 वीं बैठक हुई। बैठक के बाद अमित शाह पार्टी कार्यालय गए और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं संग कोर ग्रुप की बैठक की। बैठक में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, चंद्रशेखर और उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ शामिल हुए।
कोर ग्रुप की बैठक में अमित शाह ने पार्टी नेताओं को बेवजह की बयानबाजी नहीं करने और एकजुट रहने की नसीहत दी।
अमित शाह ने सीएम फेस के दावेदारों को इशारों में संदेश दिया कि पार्टी विधानसभा चुनाव 2023 पीएम मोदी के चेहेर पर ही लड़ेगी। सभी पार्टी नेताओं को मोदी सरकार की नीतियाों को आमजन तक पहुंचाया जाए।
राजस्थान में गुटबाजी कोई नहीं बात नहीं
राजस्थान में भाजपा में गुटबाजी कोई नहीं बात नहीं है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने अपने जन्मदिन पर शक्ति प्रदर्शन कर सियासी विरोधियों पर जमकर निशाना साधा था। उल्लेखनीय है कि वसुंधरा के जन्मदिन पर आयोजित कार्यक्रम से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने दूरी बना ली थी।
17 मई को वसुंधरा राजे ने जयपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में शायराना अंदाज में विरोधियों पर निशाना साधा। वसुंधरा ने कहा- जिन पत्थरों को हमने धड़कन दी थी धड़कने, उनकों जुबान मिली तो वे हम पर ही बरस पड़े। मतलब साफ है राजे झुकने के तैयार नहीं है। जानकारों का कहना है कि भाजपा नेताओं की बयानबाजी विधानसभा चुनाव में नुकसान पहुंचा सकती है।
गुटबाजी का ही नतीजा है कि राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी होने बाद भी भाजपा राजस्थान में गहलोत सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर बनाने में कामयाब नहीं हो पाई है। जबकि गहलोत सरकार चौथे साल में प्रवेश करने जा रही है।