महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की अगुआई वाले महाविकास अघाड़ी गठबंधन सरकार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 30 जून को 11 बजे बहुमत साबित करने के लिए कहा है. उद्धव ठाकरे कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से मुख्यमंत्री बने थे लेकिन उनकी पार्टी शिवसेना में ही फूट पड़ गई है.
शिवसेना के दर्जनों विधायक बाग़ी नेता एकनाथ शिंदे के साथ गोलबंद है और कांग्रेस-एनसीपी से गठबंधन तोड़ने की मांग कर रहे हैं. शिंदे का कहना है कि कांग्रेस और एनसीपी से गठबंधन हिन्दुत्व की विचारधारा के उलट है.
महाराष्ट्र के राज्यपाल ने विधानसभा से सचिव राजेंद्र भागवत को विशेष सत्र बुलाने के लिए लिखा है. इसे लेकर सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने की भी बात कही गई है.
बहुमत परीक्षण को लेकर शिवसेना अभी तैयार नहीं है. शिवसेना ने 30 जून को बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल के निर्देश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट आज यानी बुधवार शाम पाँच बजे सुनवाई करेगा.
शिवसेना का कहना है कि बहुमत परीक्षण की कोई भी प्रक्रिया शुरू होती है तो उसकी वैधानिकता को चुनौती दी जाएगी. शिवसेना का तर्क है कि अभी 16 बाग़ी विधायकों को अयोग्य ठहराने की प्रक्रिया विचाराधीन है, ऐसे में शक्ति परीक्षण को अंजाम नहीं दिया जा सकता है.
शिंदे के साथ क़रीब 39 विधायक हैं. शिवसेना से वैधानिक रूप से अलग होने के लिए विधायकों की संख्या दो तिहाई से ज़्यादा होनी चाहिए. शिंदे 22 जून से गुवाहाटी में हैं और वह 50 से ज़्यादा विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे हैं.
एकनाथ शिंदे ने भी बुधवार को कहा कि वह अपने विधायकों के साथ गुरुवार को मुंबई बहुमत परीक्षण के पहुँचेंगे. पिछले एक हफ़्ते से शिंदे असम के गुवाहाटी में हैं.
इनके साथ शिवसेना के दर्जनों विधायक हैं और कुछ निर्दलीय विधायक भी हैं. शिंदे ने इन विधायकों के साथ नया राजनीतिक धड़ा बनाने की घोषणा की है. शिंदे का कहना है कि उनकी पार्टी बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा के साथ बंधी रहेगी.
महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संकट के बीच प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से राजभवन में मुलाक़ात की थी. फडणवीस ने राज्यपाल से मांग की है कि उद्धव ठाकरे को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कहा जाए.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को बाग़ी विधायकों से अपील की है कि कोई भी ग़लत क़दम ना उठाएं, जिससे पार्टी को नुक़सान हो. उद्धव ने कहा, ”शिव सेना में आपको जो प्रतिष्ठा मिली है, वो कहीं नहीं मिलेगी. अगर आप सब आकर बात करेंगे तो समस्या सुलझाई जा सकती है. शिवसेना प्रमुख होने के नाते मैं आप सभी को लेकर चिंतित हूँ. आप सब आइए और बैठकर बात करते हैं.”
क्या बीजेपी की बनेगी सरकार?
पूरे मामले में बीजेपी की प्रतिक्रिया बहुत ही सधी हुई रही है. बीजेपी कहती रही है कि यह शिवसेना का आंतरिक मामला है. लेकिन दूसरी तरफ़ यह भी कहा जा रहा है कि शिवसेना में बग़ावत के पीछे बीजेपी ही है. एकनाथ शिंदे बाग़ी विधायकों के साथ बीजेपी शासित राज्य असम में ही हैं.
महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 विधायक हैं. एक सीट शिवसेना के विधायक रमेश लटके की मौत के कारण ख़ाली है. महाविकास अघाड़ी में शिवसेना के 55, एनसपी के 53 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं.
एनसीपी के दो विधायक अनिल देशमुख और नवाब मलिक जेल में हैं. दोनों मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में हैं. बीजेपी के कुल 106 विधायक हैं और बहुजन विकास अघाड़ी के तीन विधायक हैं. इसके अलावा समाजवादी पार्टी, AIMIM और प्रहार जनशक्ति पार्टी के दो-दो विधायक हैं.
एमएनएस, सीपीआई(एम), पीडब्ल्यूपी, स्वाभिमानी पार्टी, राष्ट्रीय समाज पक्ष, जनसुराज्य शक्ति पार्टी और क्रांतिकारी शेतकरी पार्टी के एक-एक विधायक हैं. इसके अलावा 13 निर्दलीय विधायक हैं.
सरकार बनाने के लिए 144 विधायकों की ज़रूर होगी. अगर शिवसेना का शिंदे गुट बीजेपी को समर्थन दे देता है तो महाराष्ट्र में एक बार फिर से बीजेपी की सरकार बन सकती है. शिंदे जिस तरह से अब तक बोलते रहे हैं, उससे साफ़ है कि बीजेपी की सरकार बन सकती है.