Raaj Kumar Death Anniversary: Today is the death anniversary of the owner of the powerful voice, Rajkumar was crazy about this actress, he used to forget dialogues as soon as he saw her

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राजकुमार बॉलीवुड के उन अभिनेताओं में से थे, जिनका इंडस्ट्री पर सिक्का चलता था. उन्हें इंडस्ट्री के सबसे रौबदार अभिनेताओं में गिना जाता रहा है. आज राजकुमार इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनसे जुड़े किस्से आज भी जिंदा हैं. आज हम आपको उनसे जुड़े कुछ ऐसे ही किस्सों के बारे में बताने जा रहे हैं.

मुंबई: 3 जुलाई 1996 की शाम एक खबर आई, जिसने पूरी इंडस्ट्री और पूरे देश को हिलाकर रख दिया. इसी दिन इंडस्ट्री के दिग्गज कलाकार राजकुमार इस दुनिया को इस दुनिया से अलविदा कह कर चले गए. उनका अंतिम संस्कार भी हो गया और किसी को इस खबर की भनक तक नहीं लगी. राजकुमार के अंतिम संस्कार में मनोरंजन जगत से कोई शामिल नहीं हुआ था. अभिनेता की मौत के बाद उनके बेटे पुरु राजकुमार ने बताया कि पिछले 2 साल से राजकुमार चल रहे थे, उन्हें थ्रोट का कैंसर हो गया था. वह नहीं चाहते थे कि किसी को इस बात की जानकारी हो, यही वो वजह थी कि उनके निधन की जानकारी किसी को नहीं दी गई.

राजकुमार उन अभिनेताओं में से थे जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी अपनी शर्तों पर जी. एक्टिंग से ज्यादा राजकुमार अपनी डायलॉग डिलीवरी और रौबदार अंदाज के लिए चर्चित थे. फिल्म की शूटिंग के दौरान कई बार उनके कई अभिनेताओं से विवाद हुए. यही नहीं, एक विवाद के चलते 33 सालों तक उन्होंने दिलीप कुमार के साथ काम नहीं किया और मीना कुमारी के लिए उनकी दीवानगी के तो पूरी इंडस्ट्री में चर्चे थे.

8 अक्टूबर 1926 को बलूचिस्तान में जन्में राजकुमार का असली नाम कुलभूषण पंडित था. वह कश्मीरी पंडित परिवार से ताल्लुक रखते थे. जब उनकी मुंबई में पोस्टिंग थी, उन्हें अक्सर उनके दोस्त कहते थे कि उन्हें एक्टिंग में अपनी किस्मत आजमाना चाहिए. दोस्तों की जिद के चलते उन्होंने फोटोशूट कराया. एक डायरेक्टर ने उनकी उनकी तस्वीर देखी और खुश हो गए और कहा कि वह बिलकुल हीरो मटीरियल हैं.

राजकुमार ने 1958 में आई पैगाम में पहली बार दिलीप कुमार के साथ काम किया. फिल्म में राजकुमार बड़े भाई और दिलीप कुमार ने छोटे भाई का रोल निभाया था. फिल्म के एक सीन में राजकुमार को दिलीप कुमार को थप्पड़ मारना था, अभिनेता ने उन्हें इतने जोर का थप्पड़ मारा कि दिलीप कुमार हैरान रह गए. उन्हें लगा जैसे राजकुमार ने ये जानबूझकर किया है. जिसके बाद दोनों के बीच का रिश्ता काफी बिगड़ गया.

इसके बाद दोनों ने 33 साल बाद सौदागर फिल्म में साथ काम किया. दोनों का फिर साथ लाने का क्रेडिट सुभाष घई को दिया जाता है. सालों बाद राजकुमार और दिलीप कुमार को साथ एक स्क्रीन पर देखकर दर्शक गदगद हो गए. फिल्म के बाद राजकुमार ने ये भी कहा था कि- ‘जानी, मैं इस इंडस्ट्री में अगर अपने बाद किसी को बेहतर एक्टर मानता हूं तो वे सिर्फ दिलीप कुमार ही हैं.’

राजकुमार ने 1971 में आई ‘लाल पत्थर’ में हेमा मालिनी के साथ काम किया था. पहले डायरेक्टर इस फिल्म में वैजयंती माला को कास्ट करना चाहते थे, लेकिन बाद में हेमा मालिनी को अप्रोच किया. हेमा ने फिल्म करने से मना कर दिया, फिर राजकुमार ने किसी तरह उन्हें मनाया. इसी दौरान राजकुमार हेमा को काफी पसंद करने लगे थे. राजकुमार ने उन्हें प्रपोज किया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. कभी राजकुमार मीना कुमारी के भी दीवाने होते थे. फिल्म पाकीजा में दोनों ने साथ काम किया था. राजकुमार उनकी खूबसूरती के ऐसे कायल थे कि वह उन्हें देखते ही अपने डायलॉग तक भूल जाते थे. एक-दो बार मीना कुमारी के पति कमाल अमरोही ने राजकुमार को मीना को निहारते देख लिया. जिससे वह बेहद चिढ़ गए.

रामानंद सागर और राजकुमार में बहुत अच्छी दोस्ती थी, लेकिन दोनों की दोस्ती तब बिगड़ गई जब रामानंद सागर एक फिल्म का ऑफर लेकर राजकमार के घर पहुंचे. वह ‘आंखें’ फिल्म में राजकुमार को कास्ट करने चाहते थे. जब उन्होंने राजकुमार को फिल्म ऑफर की तो अभिनेता ने अपने कुत्ते को पास बुलाया और पूछा कि क्या तुम इस फिल्म में काम करोगे? कुत्ते ने कोई प्रतिक्रिया नहीं की. इसके बाद रामानंद सागर से राजकुमार ने कहा- ‘जब मेरा कुत्ता ये फिल्म करने को तैयार नहीं है तो भला मैं कैसे हां कह दूं.’ उनकी ये बात सुनकर रामानंद सागर को बहुत बुरा लगा. बाद में उन्होंने इस फिल्म में धर्मेंद्र के साथ काम किया.

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