मुंबई: टेक जायंट एप्पल भारत में अपना क्रेडिट कार्ड लॉन्च करने के लिए बैंकों और रेगुलेटर्स के साथ बातचीत कर रही है. इसका नाम एप्पल कार्ड हो सकता है. मनीकंट्रोल के मुताबिक, कंपनी के सीईओ टिम कुक ने अप्रैल में अपनी भारत यात्रा के दौरान एचडीएफसी बैंक के सीईओ और एमडी शशिधर जगदीशन से मुलाकात की थी. यह ऐसे समय में आया है जब बड़ी संख्या में पेमेंट मोबाइल फोन के माध्यम से किए जा रहे हैं. एप्पल, Google, Amazon और Samsung जैसे टेक जायंट्स ऑनलाइन पेमेंट सेगमेंट में अपनी एक्टिविटीज को बढ़ावा दे रहे हैं. इन कंपनियों ने अपने-अपने पेमेंट ऐप विकसित कर लिए हैं और इस इस सेक्टर में वह आगे बढ़ने का इरादा रखते हैं.
आरबीआई से भी की बात
रिपोर्ट के मुताबिक, एप्पल ने कार्ड के तौर-तरीकों पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के साथ भी चर्चा की है. इस दौरान रेगुलेटर ने कोई विशेष विचार किए बिना एप्पल को सह-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड के लिए नियमित प्रक्रिया का पालन करने के लिए कहा है. मनीकंट्रोल ने सूत्रों के हवाले से बताया कि एप्पल एचडीएफसी बैंक के साथ मिलकर देश में अपना एप्पल कार्ड के नाम से एक को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड लॉन्च करने पर विचार कर रहा है. फिलहाल यह चर्चा शुरुआती चरण में है और अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है. एप्पल फिलहाल अमेरिका में एक प्रीमियम क्रेडिट कार्ड ऑपरेट करता है, जिसे गोल्डमैन सैक्स और मास्टरकार्ड के साथ साझेदारी में लॉन्च किया गया था. यह कार्ड टाइटेनियम मेटल से बना है और इसे एक हाई-एंड ऑफरिंग के रूप में रखा गया है.
क्या ऑफर कर सकता है एप्पल कार्ड
अमेरिका में एप्पल कार्ड को Apple Pay के साथ इंटीग्रेट किया गया है, जहां रिवार्ड्स एप्पल वॉलेट में जमा किए जाते हैं. इस पर कंपनी 4.15 फीसदी की वार्षिक ब्याज दर अर्जित करती है. एप्पल कार्ड की कोई एनुअल फीस भी नहीं है. अमेरिका में, एप्पल अपने कार्ड यूजर्स को बिना किसी ब्याज के किश्तों में एप्पल प्रोडक्ट्स खरीदने की सुविधा देता है.
भारत में एप्पल प्रोडक्ट्स और एप्पल सर्विसेज की खरीद पर लगभग 3-5 फीसदी कैशबैक के अलावा, कंपनी इन पार्टनर्स से खरीदारी पर 2-3 फीसदी कैशबैक या रिवॉर्ड पॉइंट देने के लिए अन्य प्रीमियम ब्रांडों के साथ टाई-अप कर सकती है. अमेरिका में, एप्पल वॉच या iPhone के माध्यम से कार्ड का उपयोग करने पर एप्पल रोजाना 2 फीसदी कैशबैक भी प्रदान करता है.
भारत ही क्यों?
भारतीय मार्केट पर पिछले कुछ सालों से एप्पल का फोकस रहा है. क्योंकि यहां iPhone की बिक्री तेजी से बढ़ रही है. भारत में एप्पल का रेवेन्यू कारोबारी साल 2023 में लगभग 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था, जो कारोबारी साल 2022 में 33,500 करोड़ रुपये से लगभग 50% ज्यादा है. एप्पल की ग्लोबल सर्विसेज का रेवेन्यू लगभग 80 बिलियन डॉलर है. इन लेन-देन के एक महत्वपूर्ण हिस्से को एप्पल कार्ड के माध्यम से बदलने पर काफी प्रभाव पड़ेगा.
एप्पल के पास फिलहाल भारत के कुल स्मार्टफोन बाजार का लगभग 4% हिस्सा है, जिसके अंतर्गत लगभग दो करोड़ यूजर्स आते हैं. अगर अगले दशक में 20-30 फीसदी भारतीय स्मार्टफोन यूजर iPhone पर स्विच करते हैं तो अमेरिका और चीन के बाद भारत एप्पल का तीसरा सबसे बड़ा मार्केट बन सकता है.