HDFC: हाउसिंग फाइनेंस एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के विलय के बाद एचडीएफसी की परिसंपत्ति 18 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हुई, यह कंपनी जगत का सबसे बड़ा सौदा

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40 बिलियन डॉलर में यह डील हुई है, जिसके बाद एचडीएफसी बैंक की कुल परिसंपत्ति बढ़कर 18 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की हो जाएगी।

मुंबई: हाउसिंग फाइनेंस की दिग्गज कंपनी एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक का विलय अमल में आ गया है। अब एचडीएफसी बैंक अपनी रीब्रांडिंग कर रहा है। बाजार पूंजीकरण के लिहाज से यह दुनिया में चौथा बैंक है, जिसका मूल्य 14.70 लाख करोड़ रुपये है। 4 अप्रैल 2022 को एचडीएफसी बैंक ने इस विलय के लिए सहमति दी थी। दोनों कंपनियों को बोर्ड सदस्यों ने शुक्रवार को इस विलय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। एचडीएफसी बैंक ने एक बयान में कहा है कि एचडीएफसी बैंक के बोर्ड निदेशक और एचडीएफसी लिमिटेड के बोर्ड निदेशक के बीच बातचीत के बाद 13 जुलाई 2023 को एचडीएफसी लिमिटेड के शेयरधारकों को एचडीएफसी बैंक के शेयर आवंटित कर दिए जाएंगे।

कुल परिसंपत्ति बढ़कर 18 लाख करोड़ रुपए हुई
बोर्ड ने नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर्स को ट्रांसफर करने की तारीख 12 जुलाई तय की है। वहीं सात जुलाई को एचडीएफसी लिमिटेड के कमर्शियल पेपर्स को एचडीएफसी बैंक के नाम पर ट्रांसफर कर दिया जाएगा। एचडीएफसी लिमिटेड के एचडीएफसी बैंक में विलय को भारतीय कंपनी जगत की सबसे बड़ी डील बताया जा रहा है। बता दें कि 4 अप्रैल 2022 को एचडीएफसी बैंक ने अपनी पेरेंट कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड का अधिग्रहण करने का एलान किया था। 40 बिलियन डॉलर में यह डील हुई है, जिसके बाद एचडीएफसी बैंक की कुल परिसंपत्ति बढ़कर 18 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की हो जाएगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मार्च 2023 में दोनों कंपनियों का कुल लाभ करीब 60 हजार करोड़ रुपए रहा था। एचडीएफसी के संयुक्त शेयरों का वेटेज करीब 14 प्रतिश होगा, जो कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों के वेटेज 10.4 प्रतिशत से भी ज्यादा है।

एचडीएफसी बना दुनिया का चौथा सबसे बड़ा वित्तीय संस्थान
मार्च 2023 में एचडीएफसी लिमिटेड का कुल कारोबार 41 लाख करोड़ रुपए रहा और कंपनी की कुल परिसंपत्ति 4.14 लाख करोड़ रुपए है। विलय के बाद एचडीएफसी बैंक बाजार पूंजीकरण के मामले में दुनिया का चौथा सबसे बड़ा वित्तीय संस्थान बन जाएगा। जेपी मोर्गन चेज एंड कंपनी, इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना लिमिटेड, बैंक ऑफ अमेरिका कोर्प अभी दुनिया की तीन सबसे बड़े वित्तीय संस्थान हैं।

एचडीएफसी लि. ने पहले ग्राहक को 30,000 का दिया था कर्ज
एचडीएफसी लि का वजूद अब समाप्त हो गया है। यह एचडीएफसी बैंक में मिल गई है। शुक्रवार की देर रात एचडीएफसी लि के मुख्यालय दक्षिणी मुंबई के रेमन हाउस से उसका बैनर हटाकर रात में ही एचडीएफसी बैंक का बैनर लगा दिया गया। यह वही मुख्यालय है, जहां चार दशकों से इसके चेयरमैन दीपक पारेख बैठते थे। एचडीएफसी लि ने अपना पहला होम लोन डीबी रेमीडियस को दिया था। 10.50 फीसदी के ब्याज दर से 30,000 रुपये का यह कर्ज था।

46 साल की सेवा के बाद दीपक पारेख सेवानिवृत्त
46 साल की सेवा के बाद दीपक पारेख अब सेवानिवृत्त हो गए हैं। उन्होंने मैनहट्टन में बैंक की नौकरी छोड़कर 1978 में 34 साल की उम्र में एचडीएफसी लि को संभाला था। 1977 में दीपक के चाचा हसमुख पारेख ने इसकी स्थापना की थी। एचडीएफसी ने ही देश में सबसे पहले होम लोन की शुरुआत की थी। एचडीएफसी लि. की शुरुआत होम लोन देने वाली नॉन बैंकिंग फाइनेंसिंग कंपनी के तौर पर हुई थी। 1990 के दशक में जब आरबीआई ने बैंकिंग सिस्टम विस्तार के लिए लाइसेंस देना शुरू किया तो एचडीएफसी ने भी लाइसेंस के लिए आवेदन किया। 1994 में एचडीएफसी को बैंक के तौर पर लाइसेंस मिल गया।

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