FPO के पहले दिन इसे सिर्फ 1 फीसदी सब्सक्रिप्शन ही मिल सका था अडानी एंटरप्राइजेज के फॉलोऑन पब्लिक ऑफर (FPO) को लेकर निवेशक काफी सुस्त नज़र आ रहे हैं।
मुंबई: अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के फॉलोऑन पब्लिक ऑफर (FPO) पर हिंडनबर्ग की निगेटिव रिपोर्ट की मार पड़ी है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद जिस तरह से अडानी ग्रुप शेयरों में बिकवाली आई है, निवेशक एफपीओ से दूर बने हुए हैं. इश्यू के दूसरे दिन दोपहर 4 बजे तक यह सिर्फ 3 फीसदी ही सब्सक्राइब हुआ है. रिटेल निवेशकों का हिस्सा 0.04 फीसदी सब्सक्राइब हुआ है. निवेशकों की सुस्ती के पीछे लगातार 3 दिन से अडानी ग्रुप शेयरों में चल रही मुनाफा वसूली भी है. फॉरेंसिक फाइनेशियल रिसर्च फर्म Hindenburg की रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप शेयरों को लेकर सेंटीमेंट खराब किया है.
निवेशकों का कैसा है रिस्पांस
हाई नेट वर्थ इनडिविजुअल (HNIs) के लिए रिजर्व हिस्सा 1 फीसदी तो रिटेल निवेशकों के लिए रिजर्व हिस्सा 2 फीसदी भरा है. कर्मचारियों के लिए रिजर्व हिस्सा भी 11 फीसदी भी गया है. जबकि क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स ने अभी बॉइंग शुरू नहीं की है. Adani Enterprises का एफपीओ 27 जनवरी 2023 को खुला है, जिसमें निवेशक 31 जनवरी तक पैसा लगा सकेंगे. यह भारतीय शेयर बाजार के इतिहास का सबसे बड़ा एफपीओ है, जिसका साइज 20,000 करोड़ रुपये है. एफपीओ से पहले कंपनी ने एंकर निवेशकों से 5,985 करोड़ जुटाए हैं.
FPO के लिए है प्राइस बैंड
अडानी इंटरप्राइजेज ने FPO के लिए प्राइस बैंड 3112-3276 रुपये रखा है. इसके लिए फ्लोर प्राइस 3,112 रुपये प्रति शेयर और कैप प्राइस 3,276 रुपये प्रति शेयर है. निवेशक कम से कम 4 एफपीओ शेयरों के लिए और उसके बाद 4 एफपीओ शेयरों के मल्टीपल में बोली लगा सकते हैं. एफपीओ में 35 फीसदी कोटा रिटेल निवेशकों के लिए रिजर्व है. रिटेल निवेशकों को प्राइस बैंड पर छूट है.
ग्रे मार्केट में भी क्रेज नहीं
अडानी इंटरप्राइजेज के एफपीओ को लेकर ग्रे मार्केट में भी क्रेज नहीं है. शुक्रवार को अनलिस्टेड शेयर 100 रुपये के प्रीमियम पर था, जो आज फ्लैट है. यानी अपर प्राइस बैंड 3276 रुपये के लिहाज से यह फ्लैट या गिरावट के साथ लिस्ट हो सकता है.