Overthinking: क्या आप बहुत अधिक सोचते या चिंतित रहते हैं? ओवर थिंकिंग की यह आदत दिल और दिमाग दोनों के लिए खतरनाक, जानिए

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Jaipur: नकारात्मक परिस्थितियों में चिंतित होना स्वाभाविक है, ये समय के साथ स्वत: ठीक भी हो जाती है। हालांकि अगर आप अक्सर चिंतित या तनाव में रहते हैं तो फिर आपको सावधान हो जाने की आवश्यकता है। यह न सिर्फ आपमें अवसाद जैसी गंभीर समस्याओं के खतरे को बढ़ाने वाली समस्या हो सकती है साथ ही इसके शारीरिक स्वास्थ्य पर भी कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को स्ट्रेस कंट्रोल करने वाले उपाय करते रहने की सलाह देते हैं।

डॉक्टर कहते हैं, आपकी चिंता अगर लंबे समय तक बनी रहती है और यह कंट्रोल नहीं हो रही है तो इस बारे में डॉक्टरी सलाह जरूर ले लें। यह आपके स्वास्थ्य के लिए दिक्कतें बढ़ा सकती है। चिंता-तनाव की समस्या तंत्रिका तंत्र, डायबिटीज से लेकर ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक तक का खतरा बढ़ाने वाली हो सकती है। वहीं जिन लोगों को पहले से ही ये दिक्कतें हैं और वह अधिक चिंता करते हैं तो इससे उनकी जटिलताओं के बढ़ने का भी जोखिम हो सकता है।

डायबिटीज रोगियों की बढ़ सकती है जटिलताएं
जब आप किसी चीज के बारे में चिंतित होते हैं, तो स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल रिलीज होता है। यह आपके रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकती है। शोधकर्ताओं ने पाया कि स्ट्रेस वैसे तो मधुमेह का कारण नहीं बनती है लेकिन यह आपके रक्त शर्करा के स्तर को गंभीर रूप से प्रभावित जरूर कर सकती है। ब्लड शुगर के स्तर में उतार-चढ़ाव आंखों से लेकर हृदय रोग और तंत्रिकाओं को प्रभावित करने लगती है। यही कारण है कि डायबिटीज रोगियों को तनाव प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी जाती है।

तंत्रिकाओं पर दुष्प्रभाव
तंत्रिकाएं मैसेजिंग नेटवर्क की तरह काम करती हैं। बहुत अधिक चिंता करना स्ट्रेस हार्मोन को ट्रिगर कर सकता है जो आपकी हृदय गति और श्वास को प्रभावित करने लगती है। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि अगर लंबे समय तक अनियंत्रित स्थित में तनाव की दिक्कत बनी रहती है तो इससे रक्त शर्करा और तंत्रिकाओं की दिक्कत बढ़ सकती है। यही कारण है कि स्ट्रेस-डिप्रेशन के शिकार लोगों में स्ट्रोक होने का खतरा भी अधिक होता है।

हृदय स्वास्थ्य पर असर
यदि तनाव की समस्या काफी लंबे समय तक बनी रहती है, तो इसके कारण आपका ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ रह सकता है। हाई ब्लड प्रेशर को दिल का दौरा पड़ने या स्ट्रोक होने के जोखिमों से जोड़कर देखा जाता है। अगर आपको चिंता बनी रहती है तो इसमें रिलीज होने वाले कोर्टिसोल हार्मोन आपके दिल की धड़कन को तेज कर देता है। यदि ऐसा बार-बार होता है, तो आपकी रक्त वाहिकाओं में सूजन हो सकती है, जिससे गंभीर हृदय रोगों का खतरा रहता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, स्ट्रेस को कंट्रोल में रखना बहुत आवश्यक है। इसे सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिमों तक ही जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए, यह पूरे शरीर के लिए समस्याकारक है।

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