Russia-Ukraine War: विद्रोह खत्म होने के 2 दिन बाद बोले पुतिन:कहा- पश्चिमी देश चाहते थे रूसी एक-दूसरे से लड़ें; वैगनर के लड़ाके सच्चे देशभक्त

Date:

रूस और प्राइवेट आर्मी वैगनर के बीच तल्खी यूक्रेन के बाखमुत में वैगनर ट्रेनिंग कैंप पर मिसाइल अटैक के बाद शुरू हुई। इस हमले में कई वैगनर लड़ाके मारे गए थे।

New Delhi: रूस में वैगनर आर्मी का विद्रोह खत्म होने के 2 दिन बाद सोमवार को पहली बार राष्ट्रपति पुतिन ने देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा- पश्चिमी देश चाहते थे कि रूसी लोग एक-दूसरे से लड़ें। इसके जरिए वे यूक्रेन जंग में मिल रही लगातार हार का बदला लेना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हमारा देश हर हाल में एकजुट है।

रूसी मीडिया RT के मुताबिक, पुतिन ने कहा- वैगनर ग्रुप के लड़ाके सच्चे देशभक्त हैं, जो अपने देश और नागरिकों के साथ गद्दारी नहीं कर सकते। कुछ लोगों ने सैनिकों को अंधेरे में रखा और उन्हें अपने ही भाइयों के सामने बंदूक लेकर खड़ा कर दिया। जिनके साथ कभी वे कंधे से कंधा मिलाकर लड़े थे।

पुतिन ने वैगनर जवानों को ऑफर देते हुए कहा, सैनिक या तो रूस की सेना में शामिल हो जाएं या घर लौट जाएं। इसके बाद पुतिन ने मंगलवार को सुरक्षा अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग भी की। पुतिन ने इस बात की भी पुष्टि की कि विद्रोह के दौरान वैगनर ने सेना के हेलिकॉप्टर को मार गिराया था। पुतिन ने उन पायलट्स को श्रद्धांजलि दी जो इस हमले में मारे गए।

प्रिगोजिन ने कहा- हम तख्तापलट नहीं चाहते थे
उधर वैगनर के चीफ येवगेनी प्रिगोजिन ने रूस में तख्तापलट की कोशिश से इनकार किया। प्रिगोजिन ने कहा, वह पुतिन को हटाना नहीं चाहते हैं। एक सोशल मीडिया ऐप पर जारी अपने 11 मिनट के ऑडियो में प्रिगोजिन कहते हैं, ‘वैगनर आर्मी का मकसद यूक्रेन में उनके कैंप पर रूसी हमले का विरोध दर्ज कराना था। हमने अपना मार्च अन्याय से लड़ने के लिए शुरू किया था।’

रूस की प्राइवेट आर्मी वैगनर ने 23 जून को बगावत कर दी थी। आर्मी ने रोस्तोव शहर और मिलिट्री हेडक्वार्टर पर कब्जा कर लिया था। बाद में बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने वैगनर और पुतिन के बीच समझौता कराया। इसके बाद वैगनर के लड़ाके पीछे हट गए और प्रिगोजिन को रूस छोड़कर बेलारूस जाने का आदेश दिया गया।

वैगनर ग्रुप क्यों कर रहा था विद्रोह
रॉयटर्स के मुताबिक, रूस और प्राइवेट आर्मी वैगनर के बीच तल्खी यूक्रेन के बाखमुत में वैगनर ट्रेनिंग कैंप पर मिसाइल अटैक के बाद शुरू हुई। इस हमलें में कई वैगनर लड़ाके मारे गए थे। प्रिगोजिन ने क्रेमलिन को इसका दोषी बताया था। ये हमला कब हुआ था, हालांकि इसकी जानकारी नहीं दी गई।
वैगनर प्रमुख प्रिगोजिन ने दावा किया है कि रूसी जनरलों ने यूक्रेन में उनके सैनिकों पर हवाई हमले का आदेश दिया था। उन्होंने कहा कि वे रूस के खिलाफ नहीं हैं। वो सिर्फ रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु के साथ रूस के शीर्ष अधिकारियों को निशाना बना रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार प्रिगोजिन की यूक्रेन युद्ध में राष्ट्रपति पुतिन और रक्षामंत्री सर्गेई के साथ जीते गए इलाकों पर कब्जे के मुद्दों को लेकर अनबन चल रही है। प्रिगोझन यूक्रेन में जीते गए क्षेत्रों के बड़े हिस्से पर अपना कब्जा चाहता है। पुतिन के इनकार के बाद प्रिगोजिन विद्रोह के मूड में आ गए।
रॉयटर्स के मुताबिक, दो हफ्ते पहले ही रूस के रक्षा मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया था। इसके तहत यूक्रेन के खिलाफ लड़ रहे सभी प्राइवेट लड़ाकों को रूस की सेना में शामिल होने के आदेश दिए गए थे। इसके लिए सभी प्राइवेट मिलिट्री से एक कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाने की बात कही गई थी।वैगनर ने ये समझौता करने से इनकार कर दिया था।

वैगनर ग्रुप क्या है?
वैगनर ग्रुप सैनिकों का एक निजी संगठन है। 2014 से पहले यह गुप्त संगठन था, जो ज्यादातर यूक्रेन, अफ्रीका और मध्य पूर्व में सक्रिय था। इसमें ज्यादातर रूस की एलीट रेजिमेंट और स्पेशल फोर्सेज के दिग्गज हैं। ग्रुप में 50 हजार से ज्यादा सैनिक हैं। इसकी शुरुआत रूसी सेना के पूर्व अधिकारी दिमित्री उत्किन ने की थी। उसने चेचन्या के युद्ध में रहे उनके रेडियो कॉल साइन पर ग्रुप का नाम रखा था। वैगनर ग्रुप ने 2014 में अपने पहले अभियान में क्रीमिया पर कब्जा करने में रूस की मदद की थी।

येवगेनी प्रिगोजिन को कहा जाता था पुतिन का रसोइया
वैगनर ग्रुप के फाउंडर येवगेनी प्रिगोजिन को रूसी राष्ट्रपति पुतिन का रसोईया भी कहा जाता था। वे पहले एक रेस्तरां चलाते थे जहां पुतिन अक्सर खाने के लिए जाया करते थे। वे धीरे-धीरे पुतिन के करीबी सहयोगी बन गए। उन्हें रूसी सरकार से करोड़ों रुपए के कॉन्ट्रैक्ट मिलने लगे।

वैगनर जैसी प्राइवेट मिलिट्री कंपनियां या कांट्रेक्टर किन देशों में हैं?
पीएलसी वो निजी सैन्य संस्थाएं होती है जो किसी देश, संगठन या व्यक्ति काे गोपनीय तरीके से सुरक्षा या अन्य सेवाएं प्रदान करती है। इस समय लगभग 50 ऐसी कंपनियां हैं। सबसे ज्यादा अमेरिका में लगभग 15 PLC हैं। दूसरे नंबर पर ब्रिटेन में 6 और रूस में 5 PLC हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Popular

more like this
Related

भारत के शतरंज सितारे डी. गुकेश के बारे में 10 अनसुनी बातें

डी. गुकेश ने बहुत कम उम्र में अंतरराष्ट्रीय शतरंज...

Steve Wozniak: Apple co-founder Steve Wozniak's health deteriorated, he was admitted to a hospital in Mexico

New Delhi: Apple co-founder Steve Wozniak's health is deteriorating...

Turkey Blast: Massive explosion and firing near Parliament in Turkey; Government calls it a terrorist attack

There were many people at the place targeted by the attackers...
hi_INहिन्दी