Turkey-Syria Earthquake: भूकंप के 100 घंटे में अब तक 21000 से ज्यादा मौतें, मलबों से अब भी निकल रहीं लाशें

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तुर्की और सीरिया में आए भीषण भूकंप से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. अब तक मौतों की संख्या 21,000 से ऊपर पहुंच चुकी है.

अंकारा: तुर्की और सीरिया में आए भीषण भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़ रही है. भीषण ठंड में राहत और बचाव के काम में लगी टीमों में शामिल एक्सपर्ट्स का मानना है कि भूकंप आने के करीब 100 घंटे होने वाले हैं. जबकि भूकंप जैसी किसी बड़ी प्राकृतिक आपदा के 72 घंटे बाद मलबे में ज्यादा लोगों के जिंदा बचे होने की उम्मीदें लगातार कम होती जाती हैं. तुर्की और सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 21,000 से ऊपर पहुंच गई है. उधर संयुक्त राष्ट्र की पहली मेडिकल सहायता सीरिया के विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके में पहुंच गई है. बहरहाल अधिकारियों का मानना है कि समय बीतने का साथ ही ज्यादा लोगों के बचने की उम्मीदें कम होती जा रही हैं. ये रहे तुर्की-सीरिया भूकंप के 10 लेटेस्ट अपडेट:

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडनोम घेब्रेयसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने गुरुवार को कहा कि वह सीरिया जा रहे हैं. टेड्रोस ने ट्वीट किया कि वे सीरिया के रास्ते में हैं. जहां डब्ल्यूएचओ भूकंप से प्रभावित इलाकों में जरूरी मेडिकल सेवा मुहैया कराने का काम में लगा है. भूकंप के बाद अब कड़कड़ाती ठंड ने हजारों ढह चुकी इमारतों में दबे लोगों की खोज में बाधा डाली है. ठंड के कारण भी अब कई भूकंप पीड़ितों का जीवन खतरे में है. हजारों लोग बिना किसी आसरे के खुले में जीरो से नीचे तापमान में रहने को मजबूर हैं और यहां तक कि उनको पीने का पानी भी नहीं मिल पा रहा है.

तुर्की के दक्षिणी शहर अंताक्या में एक अस्पताल की कार पार्किंग में अपने रिश्तेदारों के शव को बॉडी बैग में रखकर लोग दूसरे लापता रिश्तेदारों की तलाश के लिए लगे थे. इससे भूकंप से हुई तबाही का अंदाजा लगाया जा सकता है. तुर्की में आए भूकंप से मरने वालों की संख्या 2011 में जापान के पास आए भूकंप में मरने वालों की संख्या को पार कर गई है. जिससे सुनामी आई थी और 18,400 से ज्यादा लोग मारे गए थे. उधर भूकंप के बाद पहली बार एक सहायता काफिला सीरिया के विद्रोहियों के कब्जे वाले उत्तर-पश्चिमी सीरिया पहुंचा है. बाब अल-हवा सीमा पर एक अधिकारी ने कहा कि इससे लोगों का जीवन बचाने में मदद मिलेगी. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सुरक्षा परिषद से सहायता देने के लिए तुर्की और सीरिया के बीच नए ट्रांस बॉर्डर मानवीय सहायता रास्ते खोलने की अपील की.

लगभग एक दशक पहले UN सुरक्षा परिषद से मंजूर सीमा पार सहायता अभियान के हिस्से के रूप में उत्तर पश्चिमी सीरिया के विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्रों में रहने वाले चालीस लाख लोगों को बाब अल-हवा क्रॉसिंग पर निर्भर रहना पड़ा है. गुटेरेस ने कहा कि यह समय एकता दिखाने का है, यह राजनीतिकरण या विभाजन करने का क्षण नहीं है. यह साफ है कि बड़े पैमाने पर मदद की जरूरत है. तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप अर्दोवन ने बुधवार को स्वीकार किया कि आपदा से निपटने में सरकार की कोशिशों में कई कमियां थीं. सोमवार का भूकंप 1939 के बाद से तुर्की में आया सबसे बड़ा भूकंप था. जब पूर्वी एरजिनकन प्रांत में 33,000 लोग मारे गए थे.

अधिकारियों और चिकित्साकर्मियों ने बताया कि सोमवार को आए 7.8 तीव्रता के भूकंप से तुर्की में 17,674 और सीरिया में 3,377 लोगों की मौत हो गई, जिससे मरने वालों की कुल संख्या 21,051 हो गई है. विशेषज्ञों को डर है कि संख्या तेजी से बढ़ती रहेगी. जबकि आपदा से निपटने के सरकार के तरीके पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है. लोगों ने कहा कि जो लोग भूकंप से नहीं मरे उन्हें ठंड में मरने के लिए छोड़ दिया गया है. बहरहाल तमाम कठिनाइयों के बावजूद हजारों स्थानीय और विदेशी खोजकर्ताओं ने और बचे लोगों की तलाश नहीं छोड़ी है. लोगों की जिंदगी को बचाने के लिए पहले 72 घंटों को महत्वपूर्ण माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक किसी भी प्राकृतिक आपदा के पहले 24 घंटों के भीतर औसतन जीवित रहने का अनुपात 74% है, 72 घंटों के बाद यह 22% है और पांचवें दिन यह 6% है.

चीन और अमेरिका सहित दर्जनों देशों ने तुर्की और सीरिया में भूकंप से प्रभावित लोगों की मदद करने का संकल्प लिया है. विश्व बैंक ने कहा कि वह राहत और बचाव के प्रयासों में मदद के लिए तुर्की को 1.78 अरब डॉलर की सहायता देगा. विश्व बैंक ने कहा कि तुर्की में दो मौजूदा परियोजनाओं से 780 मिलियन डॉलर की तत्काल सहायता की पेशकश की जाएगी. जबकि राहत और पुनर्निर्माण के लिए अलग से 1 अरब डॉलर की मदद दी जाएगी. फिच रेटिंग्स ने कहा कि एक चौंका देने वाली संख्या में मानव मौतों के अलावा भूकंप का आर्थिक झटका 2 अरब डॉलर से अधिक होने की संभावना है और ये 4 अरब या उससे ज्यादा तक पहुंच सकती है.

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