अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को सीबीआई ने विशेष अदालत को केंद्र से मंजूरी मिलने की जानकारी दे दी। विशेष अदालत एजेंसी की तरफ से दायर आरोपपत्र का तभी संज्ञान लेती है जब उसे (एजेंसी को) सक्षम प्राधिकारी से मुकदमा चलाने की मंजूरी मिल जाती है।
नई दिली: केंद्र सरकार ने केंद्रीय जांच ब्यूरो को जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। यह मामला 2004 से 2009 के दौरान का है जब लालू प्रसाद रेल मंत्री थे।
अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को सीबीआई ने विशेष अदालत को केंद्र से मंजूरी मिलने की जानकारी दे दी। विशेष अदालत एजेंसी की तरफ से दायर आरोपपत्र का तभी संज्ञान लेती है जब उसे (एजेंसी को) सक्षम प्राधिकारी से मुकदमा चलाने की मंजूरी मिल जाती है।
सीबीआई ने पिछले साल 7 अक्तूबर को यादव, उनकी पत्नी राबरी देवी और 14 अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था, जो उनके परिवार को उपहार में गई या बेची गई जमीन के बदले रेलवे में की गई नियुक्तियों के संबंध में थी। लेकिन अदालत ने इसका संज्ञान नहीं लिया था। आरोपपत्र में लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती, सेंट्रल रेलवे की पूर्व महाप्रबंधक सौम्या राघवन और रेलवे के पूर्व सीपीओ कमल दीप के नाम भी हैं।
81 डॉक्टर सेवा से बर्खास्त
नीतीश सरकार ने 81 भगोड़े डॉक्टरों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय किया गया। मंत्रिमंडल सचिवालय के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने बताया कि बैठक में कुल 41 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। उन्होंने बताया कि बर्खास्त चिकित्सकों में 64 ऐसे हैं जो पांच वर्षों से अधिक समय से ड्यूटी से गायब हैं।
उन्होंने बताया कि बैठक में बीएन मंडल विश्वविद्यालय और पटना विश्वविद्यालय के विधि महाविद्यालयों के लिए 189 पदों के सृजन को भी स्वीकृति दी गई। इसके अलावा दरभंगा, मोतिहारी कोर्ट, मझौलिया बेतिया रेलवे स्टेशन के बीच आरओबी निर्माण का निर्णय किया गया। इसके लिए 139.48 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं।