Gyanvapi Survey: ज्ञानवापी परिसर में सर्वे को लेकर मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई जारी, कोर्ट ने ASI वैज्ञानिकों को किया तलब

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मुख्य न्याधीश प्रीतिंकर दिवाकर ने ज्ञानवापी परिसर में सर्वे कराये जाने के मामले में दाखिल अंजुमने इंतजामिया कमेटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए ASI के वैज्ञानिक सर्वे को आज 4.30 बजे तलब किया है.

प्रयागराज: मुख्य न्याधीश प्रीतिंकर दिवाकर ने ज्ञानवापी परिसर में सर्वे कराये जाने के मामले में दाखिल अंजुमने इंतजामिया कमेटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए ASI के वैज्ञानिक सर्वे को आज 4.30 बजे तलब किया है.न्यायालय ASI से यह स्पष्ट करना चाहती है कि सर्वे के दौरान कोई नुकसान हो सकती है. कोर्ट इस मामले में ASI से उस मैथेड को जानना चाहती है, जिसके जरिये ASI सर्वे कर रही है. न्यायालय सर्वे सिस्टम का डेमो भी देखेगी. इसके पहले सुनवाई के दौरान मस्जिद पक्ष की ओर से कहा गया कि सर्वे से संरचना को नुकसान हो सकती है. जिला न्यायदीश को सर्वे कराये जाने का अधिकार नहीं है. यह आदेश गलत है. जवाब में मंदिर पक्ष की ओर से जवाब दिया गया कि सर्वे के बाद ही मंदिर के संरचना का सही पता चल सकता है.

ASI दो तकनीकों के माध्यम से सर्वे कर रही है. उसमें फोटोग्राफी, इमैजिंग करेगी. किसी तरह की नुकसान नहीं होगी. इस पर कोर्ट ने सर्वे का डेमो जानना चाहा और सर्वे में लगे ASI के वैज्ञानिक को 4.30 बजे तलब किया है. इसके पूर्व सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष के वकील ने कहा वैज्ञानिक सर्वेक्षण से स्थापित ढांचे को कोई नुकसान नहीं होगा. मुस्लिम पक्षकार ने तर्क दिया कि कौन लेगा नुकसान न होने की गारंटी. 1992 अयोध्या में हुए विध्वंस का अनुभव भुलाया नहीं जा सकता.ज्ञानवापी मामले की सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश कोर्ट में बड़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद हैं. मामले की सुनवाई जारी है.आज शाम तक फैसला आ सकता है.

मुस्लिम पक्षकार का आरोप
मुस्लिम पक्षकार का आरोप है कि निचली अदालत ने वैज्ञानिक सर्वे का कोई तार्किक कारण अपने आदेश में अंकित नहीं किया है. निचली अदालत ने अपने आदेश में उन परिस्थितियों का उल्लेख भी नहीं किया जिसमें वैज्ञानिक सर्वे अनिवार्य है. मुस्लिम पक्षकार कहा कि काशी विश्वनाथ ट्रस्ट और इंतजामिया कमेटी के बीच कोई विवाद नहीं है तो वादिनी को वाद दाखिल करने का कोई विधिक अधिकार नहीं.सिविल वाद की पोषणीयता पर सवाल उठाया. मुस्लिम पक्ष की दलील जारी है. मुस्लिम पक्ष के दूसरे अधिवक्ता पुनीत गुप्ता भी बहस कर रहे हैं.

वक्फ बोर्ड के वकील अधिवक्ता पुनीत गुप्ता ने कहा सिविल वाद में साक्ष्य की प्रक्रिया पूरी हुए बिना वैज्ञानिक सर्वे किया जाना गलत है. सिविल वाद में इस स्टेज पर वैज्ञानिक सर्वे का आदेश जल्दबाजी में दिया गया है.

कोर्ट ने पूछा सवाल
हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि ASI ज्ञानवापी में क्या करेगी और क्यों वहां जा रही है. कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल शशि प्रकाश सिंह से पूछा सवाल. कोर्ट ने पूछा किस तरह ASI सर्वेक्षण करेगी. खुदाई करेंगे या नहीं.

हिंदू पक्ष का तर्क
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर ने तर्क दिया कि नवंबर 1993 तक विवादित स्थल पर की गई है पूजा. मां श्रृंगार गौरी, हनुमानजी, भगवान गणेश और भगवान शिव की पूजा हुई हुई है. विवादित स्थल पर परिक्रमा होती रही है. हिंदू पक्ष ने यह भी दावा किया की औरंगजेब ने मंदिर का विध्वंस किया था. सुनवाई के दौरान इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार के सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि GPR विधि क्या है. वैज्ञानिक सर्वे केसे होगा. कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से पूछा कितनी एएसआई के वैज्ञानिक कितनी देर में कोर्ट में हाजिर हो सकते हैं.

ज्ञानवापी सर्वे पर हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई साढ़े चार बजे तक के लिए स्थगित कर दिया है. साढ़े चार बजे कोर्ट ने एएसआई के वैज्ञानिकों को तलब किया है. कोर्ट ने साढ़े चार बजे तक सुनवाई स्थगित कर दी है.वैज्ञानिकों के कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने के बाद आगे की सुनवाई होगी.

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