एक ऐतिहासिक पहल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 अगस्त को देश भर में 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी. अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 24,470 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से इन स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाएगा.
New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये देश भर में 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की नींव रखी. पीएम मोदी अक्सर अत्याधुनिक सार्वजनिक परिवहन के साधनों के विकास पर जोर देते रहे हैं. यह देखते हुए कि रेलवे देश भर में लोगों के परिवहन का पसंदीदा साधन है, उन्होंने रेलवे स्टेशनों पर विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के महत्व पर जोर दिया है.
आज पूरा देश हर बुराई के लिए कह रहा है क्विट इंडिया
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 9 अगस्त वो तारीख है, जब ऐतिहासिक क्विट इंडिया मूवमेंट की शुरुआत हुई थी. महात्मा गांधी ने यह मंत्र दिया था और क्विट इंडिया मूवमेंट ने स्वतंत्रता की तरफ भारत के कदमों में नई ऊर्जा पैदा कर दी थी. इसी से प्रेरित होकर आज पूरा देश हर बुराई के लिए कह रहा है क्विट इंडिया. चारो तरफ एक ही गूंज है भ्रष्टाचार क्विट इंडिया. परिवारवाद क्विट इंडिया, तुष्टिकरण क्विट इंडिया. आओ इस क्रांति के महीने में हम सभी हिंदुस्तानी 2047 तक भारत को विकसित बनाने का संकल्प लें.
जल्द ही सभी रेल ट्रैकों का विद्युतीकरण होगा
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2014 से पहले देश में 6000 से भी कम रेलवे ओवरब्रिज और अंडरब्रिज थे. हालांकि अब यह बढ़कर 10,000 से अधिक हो गया है. जल्द ही सभी रेल ट्रैकों का विद्युतीकरण कर दिया जाएगा. पिछले नौ साल में सौर पैनलों से बिजली पैदा करने वाले रेलवे स्टेशनों की संख्या 1,200 से अधिक हो गई है.
पिछले नौ साल में रेलवे में रिकॉर्ड निवेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले नौ साल में हमने रेलवे में रिकॉर्ड निवेश किया है. रेलवे के इस साल के बजट में 2.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का आवंटन किया गया है. यह बजट 2014 के बजट से पांच गुना ज्यादा है. जल्द ही पूर्वोत्तर राज्यों की सभी राजधानियां रेलवे नेटवर्क से जुड़ जाएंगी. नागालैंड में 100 साल में दूसरा रेलवे स्टेशन बना. पूर्वोत्तर में नई लाइनों की कमीशनिंग पहले की तुलना में तीन गुना ज्यादा है.
देश में विपक्ष का एक धड़ा आज भी पुराने ढर्रे पर चल रहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे देश में विपक्ष का एक धड़ा आज भी पुराने ढर्रे पर चल रहा है. देश ने आज की और भविष्य की जरूरतों की चिंता करते हुए संसद की आधुनिक ईमारत बनवाई. लेकिन विपक्ष के इस धड़े ने नई संसद का भी विरोध किया. हमने कर्तव्यपथ का भी विकास किया, तो इन्होंने उसका भी विरोध किया.