New Delhi: जंतर-मंतर पर पुलिस अधिकारियों ने पहलवानों के चारपाई, गद्दे, कूलर, पंखे और तिरपाल की छत सहित अन्य सामानों को हटाकर विरोध स्थल को साफ करना शुरू कर दिया। गाजियाबाद: किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता एक बार फिर से दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बॉर्डर पर डट गए हैं। इस बॉर्डर महापंचायत में जा रहे किसानों की पुलिस से झड़प हो गई। किसान दिल्ली में जंतर मंतर पर बैठे पहलवानों के समर्थन में पंचायत में शामिल होने जा रहे थे। किसानों को पुलिस ने रोक लिया, जिससे नाराज किसान धरने पर बैठ गए और हंगामा करने लगे। पुलिस ने किसी तरह से स्थिति को संभाला।
‘पुलिस और सरकार हिटलर शाही का काम कर रही’
बार्डर पर पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, जब तक दिल्ली में गिरफ्तार पहलवान रिहा नहीं किए जाते, तब तक किसान गाजीपुर बॉर्डर से नहीं उठेंगे। राकेश टिकैत ने कहा, हमें जगह-जगह रास्ते में रोकने की कोशिश हुई। पुलिस और सरकार हिटलर शाही का काम कर रही है। जगह-जगह गाड़ियां तैनात कर रखी हैं। कई जगह किसानों को हाउस अरेस्ट किया गया है।
‘हमारा आंदोलन सफल हुआ’
राकेश टिकैत ने कहा कि अगर आज से पहले किसी मुकदमे में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई हो, तो पुलिस लिखकर दे दे तो हम आगे नहीं बढ़ेंगे। अगर ऐसा नहीं है तो बृज भूषण शरण सिंह को भी गिरफ्तार किया जाए। टिकैत ने कहा, हमारा आंदोलन सफल हुआ। क्योंकि किसानों को घरों के अंदर ही हाउस अरेस्ट कर लिया गया। किसानों की सिर्फ एक टुकड़ी ही गाजीपुर बॉर्डर तक पहुंच पाई है।
पहलवान बजरंग पूनिया को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लेने के बाद मयूर विहार थाने में रखा हुआ है. बता दें कि आज सुबह लगभग 11:30 बजे जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों ने नए संसद भवन की तरफ कूच करना शुरू किया था, क्योंकि वहां पर पहलवानों द्वारा महिला पंचायत का आयोजन किया गया था. वहीं दिल्ली पुलिस ने उन्हें रुकने की हिदायत दी और ये भी बताया कि आज नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह है.
इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से किसी को भी वहां जाने की इजाजत नहीं है, लेकिन तमाम पहलवान आगे बढ़े और उन्होंने बैरीगेटिंग की 3 लेयर तोड़ दी. इसके बाद पुलिस और पहलवानों के बीच संघर्ष हुआ और फिर पुलिस ने पहलवानों को हिरासत में ले लिया. इस बीच जानकारी मिली है कि, बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक इन सभी को दिल्ली के अलग-अलग जिलों के अलग-अलग थानों में हिरासत में रखा गया है. फिलहाल, पुलिस ने स्पष्ट नहीं किया है कि इन्हें कब तक छोड़ा जाएगा. वहीं पुलिस ने इतना जरूर कहा है कि प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने कानून का उल्लंघन किया है इसलिए उन पर कानूनी कार्रवाई की गई.