दिल्ली नगर निगम के सभी पार्षद शपथ ले चुके हैं। कुछ देर में मेयर चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे.
New Delhi: देश की राजधानी दिल्ली में पिछले डेढ़ महीने से जारी घमासान का आज अंत हो सकता है. आज दिल्ली को नया मेयर (Mayor) मिल सकता है. दिल्ली नगर निगम (MCD) के सदन की बैठक मंगलवार सुबह 11 बजे फिर से शुरू होनी है. तय एजेंडे के मुताबिक, सबसे पहले निर्वाचित पार्षद शपथ लेंगे. उसके बाद एलजी द्वारा नामित 10 एल्डरमैन काउंसलर शपथ लेंगे. फिर मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के 6 सदस्यों का चुनाव होगा. इसी के साथ 10 साल बाद पूरी दिल्ली को आज महिला मेयर मिलेगी.
AAP ने लगया था ये आरोप
पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने उम्मीद जताई है कि, ‘इस बार एमसीडी सदन में कार्यवाही बिना किसी अप्रिय घटना के होगी. उन्होंने कहा कि मनोनीत सदस्य यानी एल्डरमैन काउंसलर्स ही पहले शपथ लेंगे. फिर अन्य सदस्य शपथ लेंगे. मुझे नहीं लगता कि आप इसे मुद्दा बनाएगी. ऐसा करने से उनका ही नुकसान होगा. मुझे उम्मीद है कि हम कल महापौर का चुनाव कर पाएंगे. दूसरी तरफ AAP ने 6 जनवरी को आरोप लगाया था कि मनोनीत सदस्य BJP के कार्यकर्ता हैं. उन्हें महापौर के चुनाव में मतदान करने की अनुमति देने के लिए पहले शपथ दिलाई जा रही थी.
5 साल का होता है MCD के सदन का कार्यकाल
बता दें कि एमसीडी के सदन का कार्यकाल पांच साल का होता है, लेकिन मेयर का कार्यकाल सिर्फ एक साल के लिए होता है. हर साल नये मेयर का चुनाव होता है. एमसीडी एक्ट के मुताबिक पहले साल महिला पार्षद को मेयर चुने जाने का प्रावधान है. दूसरे साल मेयर का पद सामान्य होता है. यानी कोई भी पार्षद मेयर चुना जा सकता है.
तीसरे साल मेयर पद दलित समुदाय के लिए रिजर्व होता है. ऐसे में दलित समाज से आने वाला कोई भी पार्षद मेयर चुना जा सकता है, लेकिन चौथे और पांचवें साल मेयर का पद अनारक्षित होता है. जहां तक स्टैंडिंग कमेटी की बात है तो वो एमसीडी से सबसे ज्यादा पावरफुल कमेटी है. स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष पर आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है.
एमसीडी सदन के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात
एमसीडी मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के छह सदस्यों के चुनाव को देखते हुए भारतीय संख्या में सिविक सेंटर के बाहर पुलिस बल तैनात कर दिए गए हैं. दिल्ली पुलिस ने ये कदम एहतियातन उठाए हैं. वहीं MCD सदन में पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती की गई है. दिल्ली पुलिस ने यह कदम शांतिपूर्वक चुनाव संपन्न कराने के मकसद से उठाया है. दूसरी तरफ पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती पर आम आदमी पार्टी ने आपत्ति जताई है.