अफसरों की घोर लापरवाही के कारण सरकार की जबरदस्त किरकिरी हो गई और इन अफसरों को सरकार ने निपटा दिया।
Jaipur: कहावत है कोयले की खान में जाएंगे तो कपड़े तो काले होंगे ही…। कुछ ऐसा ही हुआ राजस्थान के एक आईएएस अफसर के बाद अब तीन अन्य अफसरों पर। आईएएस अफसर को तो एपीओ कर दिया गया है और उनके बाद दो डिप्टी डायरेक्टर स्तर के अधिकारी और एक सरकारी प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि अभी दो अन्य पर भी गाज गिर सकती है।
यह सारा हल्ला इसलिए हो रहा है क्योंकि जेल में बंद पेपर लीक के आरोपी को पदोन्नति दे दी गई थी। वह सस्पेंड हो गया था फिर भी उसे वाइस प्रिसिंपल से प्रिसिंपल बना दिया गया। हांलाकि शिक्षा विभाग ने यह भूल कुछ ही देर में सुधार ली लेकिन यह भूल चार अफसरों की नौकरी खराब कर गई।
दरअसल राजस्थान के शिक्षा विभाग में आईएएस अफसर गौरव गोयल को सरकार ने एपीओ कर दिया। गौरव गोयल पर आरोप लगे थे कि उन्होनें अनिल मीणा उर्फ शेरसिंह को प्रमोशन देने वाली लिस्ट पर गौर नहीं किया। उसके बाद यह लिस्ट बनाने वाले और चैक करने वाले तीन अन्य अफसरा निपटा दिए गए। आईएएस अफसर गौरव गोयल को तो एपीओ ही किया गया जबकि पदोन्नति देने वाली प्रक्रिया में जो अफसर शामिल रहे उन लोगों ने भी घोर लापरवाही बरती।
असिस्टेंट डायरेक्टर प्रीति जालोपिया के सेक्शन से ही रिपोर्ट गई थी कि किसी के खिलाफ विभागीय जांच शेष नहीं। संदीप जैन के अनुभाग से पदोन्नति का कार्य हुआ। प्रिंसिपल हरीश परमार ने शेर सिंह का नाम वेबसाइट से नहीं हटाया था। इसी कारण शेरसिंह उर्फ अनिल मीणा को पदोन्नति दे दी गई। जबकि वेबसाइट से नाम हटाने में सिर्फ तीस सेकेंड से भी कम समय लगता, लेकिन अफसरों की घोर लापरवाही के कारण सरकार की जबरदस्त किरकिरी हो गई और इन अफसरों को सरकार ने निपटा दिया।