जिला बनाने की मांग को लेकर सूरतगढ़ कस्बा आज बंद, सूरतगढ़, बांदीकुई, रामगंज मंडी, महुआ, सुजानगढ़, कामां और तिजारा को जिला बनाने की मांग को लेकर लगातार हो रहे धरने प्रदर्शन, सीमा क्षेत्र को लेकर भी उलझन में सरकार
Jaipur: प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मतदाताओं को साधने के लिए गहलोत सरकार ने भले ही 19 नए जिलों और 3 संभागों के के गठन की घोषणा कर दी हो लेकिन अब 19 जिले की घोषणा की सरकार के लिए सिरदर्द साबित हो रही है। दरअसल जिन 19 जिलों की घोषणा की गई है उनमें कई जिले ऐसे हैं जहां पर सीमा क्षेत्र को लेकर विवाद हो रहा है तो वहीं प्रदेश में आधा दर्जन से ज्यादा बड़े कस्बे ऐसे हैं जहां की जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ स्थानीय जनता ने जिला बनाने की मांग को लेकर धरने प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। गहलोत सरकार ने श्रीगंगानगर के अनूपगढ़ को भले ही जिला घोषित कर दिया हो लेकिन अब सूरतगढ़ को जिला बनाने की मांग को लेकर लगातार धरने प्रदर्शन कर रहे हैं और जिला बनाने की मांग को लेकर सूरतगढ़ बंद रखा गया है।
इन बड़े कस्बों से लगातार जिला बनाने की मांग
दरअसल करीब आधा दर्जन से ज्यादा बड़े कस्बे ऐसे जहां से लगाता जिला बनाने की मांग उठ रही है और जिला बनाने की मांग को लेकर धरने प्रदर्शन भी किया जा रहे हैं। सूरतगढ़, बांदीकुई, रामगंजमंडी, महुआ, सुजानगढ़, कामां और तिजारा से लगातार जिला बनाने की मांग उठ रही है। स्थानीय जनप्रतिनिधि भी लगातार जिला बनाने की मांग कर रहे हैं।
महुआ से निर्दलीय विधायक और मुख्यमंत्री गहलोत के करीबी माने जाने वाले ओमप्रकाश हुड़ला लगातार जिला बनाने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा सुजानगढ़ से कांग्रेस विधायक मनोज मेघवाल भी जिला बनाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से मिलकर ज्ञापन सौंप चुके हैं।
सुजानगढ़ के स्थानीय निवासियों ने भी कई दिनों तक सुजानगढ़ को जिला बनाने की मांग को लेकर नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया था। इसके अलावा कामां को जिला बनाने की मांग को लेकर भी खूब धरने प्रदर्शन हुए हैं, साथ ही स्थानीय निवासियों ने मंत्री जाहिदा खान के खिलाफ भी नारेबाजी करके अपना रोष जाहिर किया था। वहीं तिजारा को जिला बनाने की मांग को लेकर भी कांग्रेस विधायक संदीप यादव ने विधानसभा के बाहर धरना दिया था।
अब नए जिलों की घोषणा को लेकर असमंजस
इधर सूत्रों की माने तो आधा दर्जन से ज्यादा बड़े कस्बों से लगातार जिला बनाने की मांग उठ रही हो लेकिन सरकार में अंदर खाने चर्चा है कि सरकार अब और जिले गठित करे, इसकी संभावना कम ही नजर आती है। हालांकि सरकार की ओर से जिन को जिला बनाने की मांग उठ रही है उन जिलों के जनप्रतिनिधियों को आश्वस्त किया है कि जल्दी उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा लेकिन अब इसकी संभावना कम ही है। प्रदेश में 8 महीने के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं और सरकार पूरी तरह से चुनावी मोड में आ चुकी है।
सीमा क्षेत्र विवाद ने भी बढ़ाई सरकार की टेंशन
वहीं सरकार की ओर से 19 नए जिलों के गठन के बाद सीमा क्षेत्र के विवाद ने भी सरकार के टेंशन बढ़ा दी है। कई नए जिले ऐसे भी हैं जहां पर सीमा क्षेत्र को लेकर विवाद चल रहा है। सीकर जिले में आने वाले कई कस्बे और गांव नीमकाथाना जिला बनने के बाद नीमकाथाना की बजाए सीकर जिले में ही शामिल होना चाहते हैं तो वहीं यही स्थिति नए जिले बने दूदू लेकर भी है, जहां पर बगरू और आसपास के क्षेत्र दूदू में शामिल होने की बजाए जयपुर शहर में ही रहना चाहते है। यही स्थिति नए जिले बने कोटपूतली- बहरोड और कई अन्य जिलों को लेकर भी है, जहां पर सीमा क्षेत्र विवाद चल रहा है।
जयपुर उत्तर- दक्षिण को लेकर भी विवाद
राजधानी जयपुर के उत्तर दक्षिण जिलों को लेकर भी विवाद सामने आ रहे हैं। जयपुर उत्तर- दक्षिण को लेकर ही आमजन के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों में भी असमंजस की स्थिति है। खुद कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की कह चुके हैं कि जयपुर, जयपुर ही रहेगा।