अक्टूबर में ही बाहर आ गया था दिसंबर के एग्जाम पेपर, SOG पड़ताल में हैरान करने वाले खुलासे
Jaipur: आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा ने 24 दिसम्बर को होने वाली वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा का पेपर 60 दिन पहले अक्टूबर में ही लीक कर दिया था। कटारा के पास विशेषज्ञों से पेपर सैट कराने की जिम्मेदारी थी। पेपर तैयार होेते ही वह सभी सेट की मूल प्रति सरकारी आवास पर ले गया। वहां भांजे विजय से सभी सवाल दूसरे कागज पर लिखवा लिए। इसके बाद उसने प्रिंटिंग के लिए पेपर कार्यालय में जमा करा दिया।
विजय के लिखे पर्चे की फोटो शेर सिंह ने मोबाइल में ली थी, जिसके बाद पर्चा कई आरोपियों तक पहुंचा। यह तथ्य चार्जशीट में सामने आए हैं।
एसओजी ने कटारा, विजय और गोपाल के खिलाफ गुरुवार को उदयपुर की कोर्ट में चालान पेश किया है। मामले में करीब 62 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। वहीं, एक लाख के इनामी सुरेश ढाका सहित 48 की तलाश है।
कटारा के संपर्क में था शेर सिंह
निलंबित सरकारी शिक्षक शेर सिंह पेपर लीक करने के लिए आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा से कई माह से सम्पर्क में था। उसने भूपेन्द्र सारण से पहले ही पेपर का सौदा कर लिया था। षड्यंत्र के तहत उसने 1 करोड़ रुपए में सौदा किया और पेपर 19 दिसम्बर को दे दिया। पेपर भूपेन्द्र सारण के कहे अनुसार सुरेश ढाका को दिया। शेरसिंह ने ही अरुण शर्मा व अन्य को भी पेपर उपलब्ध करवाया था। कटारा और विजय डामोर के अलावा शेर सिंह आरपीएससी के चालक गोपाल सिंह के भी सम्पर्क में था।
गिरफ्तारी से पहले संदेश… पुलिस आगी
एसओजी ने गिरफ्तार आरोपी पुखराज के मोबाइल की पड़ताल की। उसमें चैट डिलीट थी। एफएसएल ने इसको रिकवर कर लिया। पुखराज ने परीक्षा के दिन सुबह 5.08 बजे सुरेश ढाका को वाट्सऐप मैसेज किया था, …. ‘पुलिस आगी’।
आरपीएससी की कार में बैठा कर शेर सिंह को लेकर गया था ढाका के पास
गोपाल सिंह आरपीएससी की सरकारी गाड़ी से शेर सिंह को अन्य आरोपी प्रवीण सुतल्या के अजमेर स्थित रेलवे क्वार्टर से पैराडिजो होटल लेकर गया था। उसने ही भूपेन्द्र सारण, सुरेश ढाका से होटल के पास मिलवाया। वहीं ढाका की गाड़ी में बैठकर सुरेश ढाका, भूपेन्द्र सारण व शेरसिंह की मिटिंग हुई थी। कटारा के यहां से पेपर लेने के बाद शेरसिंह को गोपाल अपनी निजी कार से जयपुर छोड़कर गया था। एसओजी ने कार को भी जब्त किया है।
48 वांटेड, सामने आएंगे कई नाम
एसओजी को अभी सुरेश ढाका सहित 48 आरोपियों की तलाश है। इनकी गिरफ्तारी के बाद अभी और लोगों के नाम सामने आएंगे, जिन्होंने पेपर खरीदा या उसे आगे पहुंचाने में सहयोग किया था।