पेपर लीक मामले के आरोपियों की संपत्ति जब्त करने सहित कई अन्य प्रावधान जोड़े जाएंगे बिल में, बीते साल बजट सत्र में पारित किया गया था नकल विरोधी कानून, कल विरोधी कानून पारित होने के बावजूद चार भर्ती परीक्षाओं के पेपर हुए लीक, कई संगठनों ने नकल विरोधी कानून में रासुका जैसे धाराएं जोड़ने की भी सरकार से मांग की
Jaipur: प्रदेश में गहलोत सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद भी पेपर लीक मामले सरकार के लिए चिंता का सबब बने हुए हैं। यह आलम तो तब है जब प्रदेश में नकल विरोधी कानून लागू है, बावजूद इसके पेपर लीक मामलों ने सरकार की परेशानी बढ़ाई हुई है। सूत्रों की माने तो प्रदेश में लागू नकल विरोधी कानून को अब गहलोत सरकार और सख्त करने की तैयारी में है।
इसके लिए बाकायदा नकल विरोधी कानून में संशोधन विधेयक इस बार बजट सत्र में रखा जाएगा। संशोधन विधेयक में कई गंभीर धाराएं और प्रावधान जोड़े जाने के संकेत भी मिले हैं। सूत्रों की माने तो नकल विरोधी कानून में अभी कुछ और संशोधन जोड़े जाने की जरूरत है जिससे कि पेपर लीक माफियाओं में डर पैदा हो।
संपत्ति जब्त करने सहित कई प्रावधान
सूत्रों की माने तो नकल विरोधी कानून संशोधन विधेयक में पेपर लीक माफियाओं की संपत्ति जब्त करने सहित कई गंभीर धाराओं में कठोरतम सजा देने जैसे प्रावधान इस बिल में जुोड़े जाने की चर्चाएं हैं। बताया जाता है कि 10 फरवरी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से बजट पेश किए जाने के बाद कभी भी नकल विरोधी संशोधन विधेयक सदन में पेश किया जा सकता है।
संशोधन विधायक में रासुका जैसे धाराएं जोड़े जाने की मांग
सूत्रों की माने तो कई संगठनों ने भी सरकार से नकल विरोधी कानून में संशोधन विधेयक के जरिए रासुका जैसी गंभीर धारा भी जोड़े जाने की मांग की है जिससे कि पेपर माफियाओं में भय व्याप्त हो।
बीते साल बजट सत्र में पारित हुए था कानून
दरअसल गहलोत सरकार ने बड़े दम-खम के साथ दावा किया था कि प्रदेश में नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद पेपर लीक माफियाओं पर नकेल कसेगी। बीते साल मार्च माह में बजट सत्र के दौरान नकल विरोधी कानून ध्वनि मत से सदन में पारित हो गया था और उसे लागू भी कर दिया गया था।
बावजूद इसके 4 परीक्षाओं के पेपर लीक करके पेपर माफियाओं ने सरकार को खुली चुनौती दी थी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जहां अपनी सरकार के कामकाज और अपनी जनकल्याणकारी योजनाओं को भुनाने में व्यस्त थे तो वहीं पेपर लीक मामले के बाद विपक्ष को भी बैठे-बिठाए सरकार के खिलाफ हल्ला बोलने का मौका मिल गया।
हालांकि अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद विपक्ष के निशाने पर आने के बाद सरकार ने आनन-फानन में कार्रवाई करते हुए कई आरोपियों को पकड़ा था तो आरोपियों की संपत्ति को भी जमींदोज किया गया था हालांकि सरकार की कार्रवाई की विपक्ष ने भी तारीफ किए थे लेकिन विपक्ष ने इसे देर आए दुरुस्त आए कहावत के तौर पर लिया था।