बालिका दिवस: राजस्थान में सरकारी नौकरी के लालच में हैवान बना पिता, अपनी ही पांच महीने की मासूम बेटी को नहर में फेंका

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राजस्थान सरकार में संविदा कर्मचारी के रूप में कार्यरत व्यक्ति ने स्थायी नौकरी पाने में बाधाओं से बचने के लिए अपनी 5 महीने की बेटी को नहर में फेंक दिया। फिलहाल बीकानेर पुलिस ने आरोपी दंपति को गिरफ्तार कर लिया है।

बीकानेर: राजस्थान सरकार में संविदा कर्मचारी के रूप में काम करने वाले व्यक्ति ने अपनी 5 महीने की बेटी को नहर में फेंक दिया। पुलिस ने बताया कि संविदा कर्मचारी ने अपनी बेटी को इंदिरा गांधी नहर में इसलिए फेंका, ताकि स्थायी नौकरी पाने में बाधा न आए। इस अपराध में उसकी पत्नी ने भी अपने पति का साथ दिया।

पुलिस ने दंपति को गिरफ्तार किया
घटना बीकानेर जिले के छतरगढ़ थाना क्षेत्र की है। रविवार की शाम को दंपति ने अपनी बच्ची को नहर में फेंक दिया था। बीकानेर एसपी योगेश यादव ने कहा अपनी बेटी की हत्या के आरोप में दंपति को आज गिरफ्तार कर लिया गया है। व्यक्ति ने अपनी पत्नी के साथ अनुबंध पर सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए यह कदम उठाया था।

नौकरी के लालच में उठाया खौफनाक कदम
पुलिस ने कहा कि 36 वर्षीय झवरलाल मेघवाल वर्तमान में एक संविदा कर्मचारी है और स्थायी सेवा पाने की उम्मीद कर रहा है। दंपति के पहले से ही दो बच्चे थे। तीसरे के जन्म के साथ ही व्यक्ति राज्य सरकार की दो बच्चों की नीति के कारण स्थायी नौकरी को लेकर आशंकित हो गया था। इसी के चलते उसने अपनी पत्नी के साथ मिलकर ये कदम उठाया और अपनी बच्ची को नहर में फेंक दिया था।

पुलिस ने दर्ज किया मामला
बीकानेर के पुलिस अधीक्षक योगेश यादव ने बताया कि दंपति को उनकी बेटी की हत्या के आरोप में सोमवार को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि झवरलाल मेघवाल और उनकी पत्नी गीता देवी के खिलाफ छतरगढ़ पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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