Mamata's minister Akhil Giri's harsh comments on President Draupadi Murmu, BJP demands his arrest

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मंत्री अखिल गिरि ने ऐसी बयानबाजी कर दी है की वह सुर्खियों में आ गये है. पूर्व मेदिनीपुर के नंदीग्राम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लेकर विवादित टिप्पणी की है.

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) के मंत्री अखिल गिरि ने ऐसी बयानबाजी कर दी है की वह सुर्खियों में आ गये है. पूर्व मेदिनीपुर के नंदीग्राम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लेकर विवादित टिप्पणी की है. उन्होंने नंदीग्राम में कहा- ‘हम किसी को उनकी शक्ल से नहीं आंकते. हम राष्ट्रपति का सम्मान करते है लेकिन राष्ट्रपति करती क्या है और दिखती कहा है. जिसके बाद हंगामा शुरु हो गया है. भाजपा ने इस बयानबाजी को शर्मनाक बताते हुए कहा कि इसके खिलाफ वह सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करना शुरु कर दिया है. उनकी गिरफ्तारी की मांग की जा रही है. हालांकि अखिल गिरि ने अपने बयानबाजी को लेकर माफी भी मांगी है.

भाजपा का प्रदर्शन जारी
भाजपा ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आदिवासी हैं और उनके मंत्री के बयान से साफ है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी आदिवासी विरोधी है. जब अखिल गिरि ने यह टिप्पणी की, तब राज्य की महिला कल्याण मंत्री शशि पांजा भी मौजूद थीं. उन्होंने भी इसका समर्थन किया है. कोलकाता की सड़कों पर प्रदर्शन भी शुरु हो गया है.

विवादित टिप्पणी से घिरे थे अधीर रंजन
यह पहला ऐसा मौका नहीं है जब किसी नेता ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अपमान किया हो. इससे पहले इससे पहले कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने द्रौपदी मुर्मू को ‘राष्ट्रपत्नी’ कहकर विवाद खड़ा कर दिया था. बाद में उन्होंने इसे लेकर माफी मांगी थी और कहा था कि चूंकि वह बांग्लाभाषी है. इस कारण वह हिंदी के शब्दों को नहीं समझ पाते हैं और गलती से उन्होंने यह बात कह दी थी.

अखिल गिरि की गिरफ्तारी की मांग
अखिल गिरि के इस बयान के सुर्खियों में आने के बाद भाजपा की ओर से नंदीग्राम में एफआईआर दर्ज किया गया है. उनकी गिरफ्तारी की मांग लगातार जारी है. वहीं कुणाल घोष ने कहा है कि मैं राष्ट्रपति का सम्मान करता हूं और अखिल गिरि ने किसी का नाम नहीं लिया था.

अखिल गिरि ने मांगी माफी
बढ़ते दबाव को देखते हुए अखिल गिरि ने अपने बयान के लिए मांफी मांगते हुए कहा कि मैं राष्ट्रपति का सम्मान करता हूं और मैंने किसी का भी नाम नहीं लिया था . शुभेंदु अधिकारी को जवाब देने के लिए यह बात कहीं थी. पिछले कुछ दिनों से मैं शुभेंदु की बयानबाजी से परेशान हो गया था लेकिन अब मैं अपने वक्तव्य के लिये माफी चाहता हूं.

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