भारत आज से करेगा जी-20 की अध्यक्षता, पीएम मोदी ने बताया क्या रहेगा एजेंडा

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पीएम मोदी ने इस लेख में उनके नेतृत्व वाली सरकार की उपलब्धियों और आने वाले उद्देश्यों की तरफ़ ध्यान दिलाया है.

नई दिल्ली: इस बार जी-20 की अध्यक्षता की ज़िम्मेदारी भारत के पास है जिसकी शुरुआत आज से हो रही है. भारत की अगुवाई में जी-20 शिखर बैठक का आयोजन होगा. मोदी का कहना है कि भारत ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की थीम के साथ भारत 50 से अधिक शहरों में 200 से ज्यादा बैठकों का आयोजन करेगा.

पीएम ने अपने लेख में कहा, “जी-20 की पिछली 17 अध्यक्षताओं के दौरान आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने, अंतरराष्ट्रीय कराधान (टैक्स सिस्टम) को तर्कसंगत बनाने, विभिन्न देशों के सिर से कर्ज़ के बोझ को कम करने समेत कई महत्वपूर्ण परिणाम सामने आए. हम इन उपलब्धियों से लाभान्वित होंगे, यहां से आगे बढ़ेंगे.” “पूरे इतिहास के दौरान मानवता का जो स्वरूप होना चाहिए था, उसमें एक प्रकार की कमी दिखी. हम सीमित संसाधनों के लिए लड़े, क्योंकि हमारा अस्तित्व दूसरों को उन संसाधनों से वंचित कर देने पर निर्भर था. दुर्भाग्य से हम आज भी उसी मानसिकता में अटके हुए हैं. हम इसे तब देखते हैं, जब आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को हथियार बनाया जाता है, जब कुछ लोगों द्वारा टीकों की जमाखोरी की जाती है, भले ही अरबों लोग बीमारियों के कारण असुरक्षित हों. कुछ लोग यह तर्क दे सकते हैं कि टकराव और लालच मानवीय स्वभाव है. मैं इससे असहमत हूं.”

उन्होंने लिखा, “अगर मनुष्य स्वाभाविक रूप से स्वार्थी है तो हम सभी में मूलभूत एकात्मता की हिमायत करने वाली आध्यात्मिक परंपराओं के स्थायी आकर्षण को कैसे समझा जाए? आज हमें अस्तित्व के लिए लड़ने की जरूरत नहीं है- इस युग को युद्ध का युग होने की जरूरत नहीं. आज हम जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद, महामारी जैसी जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, उनका समाधान मिलकर काम करके ही निकाल सकते हैं.” “सामूहिक निर्णय लेने की सबसे पुरानी ज्ञात परंपराओं वाली सभ्यता होने के नाते भारत दुनिया में लोकतंत्र के मूलभूत डीएनए में योगदान देता है. लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत की राष्ट्रीय सहमति किसी आदेश से नहीं, करोड़ों स्वतंत्र आवाजों को एक सुरीले स्वर में मिलाकर बनाई गई है. आज भारत सबसे तेज़ी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है.”

पीएम मोदी ने जी-20 के एजेंडे के बारे में लिखते हुए कहा, “हमारी जी-20 प्राथमिकताओं को न केवल हमारे जी-20 भागीदारों, बल्कि दुनिया के दक्षिणी हिस्से में हमारे साथ चलने वाले देशों, जिनकी बातें अक्सर अनसुनी कर दी जाती हैं, के परामर्श से निर्धारित किया जाएगा. हमारी प्राथमिकताएं हमारी ‘एक पृथ्वी’ को संरक्षित करने, हमारे ‘एक परिवार’ में सद्भाव पैदा करने और हमारे ‘एक भविष्य’ को आशान्वित करने पर केंद्रित होंगी.”

“हम खाद्य, उर्वरक और चिकित्सा उत्पादों की वैश्विक आपूर्ति को गैर-राजनीतिक बनाने की कोशिश करेंगे, ताकि भू-राजनीतिक तनाव मानवीय संकट का कारण न बने. हम बड़े पैमाने पर विनाश के हथियारों से पैदा होने वाले जोखिमों को कम करने और वैश्विक सुरक्षा बढ़ाने पर शक्तिशाली देशों के बीच एक ईमानदार बातचीत को प्रोत्साहन प्रदान करेंगे. भारत का जी-20 एजेंडा समावेशी, महत्वाकांक्षी, कार्रवाई-उन्मुख और निर्णायक होगा.”

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