Raj Kapoor: बॉलीवुड के शोमैन की आज 35वीं पुण्यतिथि, विदेशों में भी भारतीय फिल्मों का डंका बजाने वाले राज कपूर से जुड़े किस्से

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मुंबई: अगर कहीं बॉलीवुड के दिग्गजों का बात चले और वहां राज कपूर का जिक्र ना हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। राज कपूर को भारतीय फिल्म इंडस्ट्री का शोमैन कहा जाता है। उन्होंने भारतीय सिनेमा का चेहरा बदल दिया। भले ही वह आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी एक्टिंग और काम को आज भी याद किया जाता है। अगर राज कपूर की बनाई कुछ बेहतरीन फिल्मों की बात करें तो उनमें श्री 420, आवारा, संगम, बॉबी और सत्यम शिवम् सुन्दरम शामिल हैं। उन्होंने विदेशों में भी भारतीय फिल्मों का डंका बजाया। एक संपूर्ण फिल्मकार होने की वजह से वह अभिनय, निर्देशन, निर्माण के अलावा कहानी, पटकथा, संपादन, गीत, संगीत में भी अपनी रुचि रखते थे। बॉलीवुड के दमदार एक्टर-डायरेक्टर और प्रोड्यूसर राज कपूर की आज 35वीं पुण्यतिथि है। इस मौके पर जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें। तो चलिए शुरू करते हैं…

राज कपूर का जन्म पाकिस्तान के पेशावर में 14 दिसंबर 1924 को हुआ था। 1930 में उनके पिता पृथ्वीराज कपूर थियेटर में काम करने के चलते मुंबई पहुंचे। उनके पिता पृथ्वीराज कपूर भारतीय सिनेमा के सफल और मशहूर रंगकर्मी के साथ फिल्म अभिनेता हुआ करते थे। राज कपूर ने 1935 में आई फिल्म ‘इंकलाब’ से अपने करियर की शुरुआत की थी, लेकिन इस फिल्म में वह बाल कलाकार के रूप में दिखे थे। लेकिन, बतौर हीरो ‘नीलकमल’ से उनकी किस्मत खुली। फिल्मी दुनिया में कदम रखे राज को सिर्फ एक साल हुआ था और उन्होंने 1948 में महज 24 साल की उम्र में अपना स्टूडियो खोल दिया था, जिसका नाम आरके फिल्म्स है। उनकी ‘सत्यम शिवम सुंदरम’, ‘तीसरी कसम’, ‘चोरी चोरी’, ‘अनाड़ी’, ‘छलिया’, ‘आवारा’, ‘श्री 420’, ‘मेरा नाम जोकर’, ‘बरसात’ ‘जागते रहो’, ‘राम तेरी गंगा मैली’, ‘प्रेम रोग’ और ‘बॉबी’ जैसी फिल्में आज भी दर्शकों को खूब पसंद आती हैं।

राज कपूर ने एक्टिंग और डायरेक्शन के साथ-साथ शानदार लेखन से भी लोगों को अपना दीवाना बनाया। हालांकि, उनके फैंस को शायद ही ये बात पता हो कि राज कपूर एक वक्त अपने पिता पृथ्वीराज कपूर के स्टूडियो में बहुत ही कम वेतन पर काम किया करते थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक पृथ्वीराज कपूर को अपने बेटे की क्षमता पर कोई खास यकीन नहीं था। इसी कारण उन्होंने अपने स्टूडियो में राज कपूर को झाड़ू लगाने का काम दे दिया था। इसके बदले उन्हें एक रुपये मासिक सैलरी मिलती थी। हालांकि, बाद में राज कपूर की कला को केदार शर्मा ने पहचाना और उन्हें अपनी फिल्म ‘नीलकमल’ में हीरो का रोल दे दिया।

राज कपूर को उनके पिता पृथ्वीराज कपूर ने एक बार डायरेक्टर केदार शर्मा की फिल्मों के सेट पर बतौर क्लेपर बॉय काम करने के लिए कहा था। जिसके बाद राज कपूर ने केदार शर्मा की फिल्म विषकन्या के दौरान यह काम किया। एक बार फिल्म शूटिंग चल रही थी और इस दौरान गलती से राज कपूर का चेहरा कैमरे के सामने आ गया था। इस गलती को ठीक करने की हड़बड़ी में राज कपूर का क्लैपबोर्ड उस सीन के अभिनेता की दाढ़ी में फंस गया, जिससे किरदार की दाढ़ी ही निकल गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बात पर डायरेक्टर केदार शर्मा इतने नाराज हुए कि उन्होंने राज कपूर को बुलाया और उन्हें जोरदार थप्पड़ जड़ दिया। हालांकि, बाद में उन्हें इस बात का बेहद अफसोस भी हुआ।

राज कपूर के थप्पड़ मारने के बाद केदार शर्मा को गलती का एहसास हुआ। अलगे ही दिन सेट पर आते ही उन्होंने राज कपूर से अपनी फिल्म में काम करने के लिए कहा। इसके लिए राज कपूर ने हां कर दी। जिसके बाद फिल्म ‘नीलकमल’ में उन्होंने काम किया। इस फिल्म में उन्होंने बेहद खूबसूरत अदाकारा मधुबाला के साथ स्क्रीन शेयर की थी। जिसके बाद राज कपूर में पीछे मुड़कर नहीं देखा। यहीं से उनके करियर की शुरुआत हुई थी। जिसके बाद उन्होंने एक के बाद एक कई हिट फिल्में दीं। राज कपूर ने 9 फिल्मफेयर अवॉर्ड्स अपने नाम किए। वहीं, राज कपूर को 1971 को पद्म भूषण और दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

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