कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि दक्षिण भारत के दो सिनेमा को ऑस्कर मिलना हमारे लिए बड़े गौरव की बात है। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, मेरी गुजारिश है कि सत्तारूढ़ भाजपा को इसका श्रेय नहीं लेना चाहिए।
नई दिल्ली: ऑस्कर में दोहरी जीत की खुशी मंगलवार को राज्यसभा में गूंजी। ‘नाटू-नाटू’ और ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ के निर्माताओं की जमकर जय-जयकार हुई। सदस्यों ने पार्टी लाइन से ऊपर उठकर देश को मिले इस सम्मान की प्रशंसा की।
उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि दोनों कृतियों को पुरस्कार मिलना भारतीय सिनेमा के व्यापक दायरे को नई पहचान मिलने जैसा है। यह उपलब्धियां भारतीय कलाकारों की विशाल प्रतिभा, अपार रचनात्मकता और प्रतिबद्ध समर्पण की वैश्विक प्रशंसा को दर्शाती हैं। सभापति ने सांसदों के लिए आरआरआर की विशेष स्क्रीनिंग का सुझाव भी दिया।
आ गया ‘ब्रांड इंडिया’: ठाकुर
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘ब्रांड इंडिया’ आ गया है और यह सिर्फ एक शुरुआत है। भारत में दुनिया का कंटेंट हब बनने की क्षमता है। आइए हम भारत को दुनिया का कंटेंट हब बनाने के लिए मिलकर काम करें। भारत के लिए यह गर्व की बात है कि भारतीय फिल्म उद्योग ने ऑस्कर में दो पुरस्कार जीते हैं।
महिलाओं के सम्मान का प्रतीक है एलिफेंट व्हिस्परर्स
सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ को दो प्रसिद्ध महिलाओं ने बनाया है। यह महिलाओं के बारे में है, उनके सम्मान के बारे में है। यह भारत की महिलाओं के लिए मान्यता का एक बड़ा प्रतीक है। गोयल ने कहा, यह स्थिरता के बारे में भी है, जो हमारे दर्शन का मूल बन गया है। गोयल ने कहा, आरआरआर के पटकथा लेखक, वी विजयेंद्र प्रसाद खुद राज्यसभा सांसद हैं।
खरगे का तंज, कहा- कहीं सत्तापक्ष यह न कह दे कि इस फिल्म को हमने निर्देशित किया
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, दक्षिण भारत के दो सिनेमा को ऑस्कर मिलना हमारे लिए बड़े गौरव की बात है। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, मेरी गुजारिश है कि सत्तारूढ़ भाजपा को इसका श्रेय नहीं लेना चाहिए। उन्हें ऐसा हरगिज नहीं कहना चाहिए कि इसे हमने निर्देशित किया या मोदी ने फिल्म का निर्देशन किया। दरअसल, यह देश का योगदान है।
देश के सबसे महत्वपूर्ण राजदूतों की चर्चा होना सुखद : जया बच्चन
सपा सांसद जया बच्चन ने कहा, फिल्म जगत देश का सबसे महत्वपूर्ण राजदूत है। सदन में उनको लेकर चर्चा होना बेहद सुखद है। फिल्म जगत ने कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश का प्रतिनिधित्व किया है और अनेक पुरस्कार जीते हैं। उन्होंने कहा, सत्यजीत रे ने 1992 में ऑस्कर जीता था। जया ने कहा, सिनेमा का बाजार यहां है, अमेरिका में नहीं।