भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2024 के लिए महंगाई के अनुमान को जारी कर दिया है. महंगाई के मोर्च पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई के मोर्च पर हल्की राहत है.
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI monetary policy) ने चालू वित्त वर्ष (2023-24) के लिए अपने मुद्रास्फीति (Inflation Rate) के अनुमान को मामूली घटाकर 5.1 प्रतिशत कर दिया है. रिजर्व बैंक के गवर्नर (RBI governor) शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को मौद्रिक नीति समिति (RBI MPC Meeting) की बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए यह जानकारी दी है. दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक के मौद्रिक नीति उपायों के वांछित नतीजे मिल रहे हैं.
अप्रैल में 5.2 फीसदी रहने का लगाया था अनुमान
अप्रैल की मौद्रिक समीक्षा बैठक में 2023-24 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के 5.2 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया गया था. इस साल अप्रैल में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति फरवरी के 6.4 प्रतिशत से घटकर 4.7 प्रतिशत पर आ गई है. अनुकूल आधार प्रभाव तथा तीनों प्रमुख समूहों में नरमी से मुद्रास्फीति नीचे आई है.
संतोषजनक दायरे में है महंगाई
दास ने कहा है कि भारत में उपभोक्ता मुद्रास्फीति मार्च-अप्रैल, 2023 के दौरान नरम पड़ी है और यह रिजर्व बैंक के दो से छह प्रतिशत के संतोषजनक दायरे में आई है. 2022-23 में यह 6.7 प्रतिशत थी. उन्होंने कहा है कि मुख्य मुद्रास्फीति अब भी लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है और 2023-24 के शेष महीनों में भी इसके लक्ष्य से अधिक रहने का अनुमान है.
मुद्रस्फीति को लेकर जताया ये अनुमान
उन्होंने कहा कि ऐसे में मुद्रास्फीति के परिदृश्य पर लगातार और नजदीकी नजर रखने की जरूरत है. विशेषरूप से यह देखते हुए किा मानसून का परिदृश्य और अल नीनो का प्रभाव अभी अनिश्चित है. रिजर्व बैंक का अनुमान है कि 2023-24 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 5.1 प्रतिशत रहेगी. पहली तिमाही में यह 4.6 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 5.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 5.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.2 प्रतिशत रह सकती है.