Corruption Perceptions Index 2022: दुनिया के सबसे भ्रष्ट देशों में 140वें स्थान पर पाकिस्तान, भारत 85वें स्थान पर, डेनमार्क में सबसे कम भ्रष्टाचार

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अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी संगठन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने दुनिया के विभिन्न देशों में फैले भ्रष्टाचार के स्तर को लेकर मंगलवार को अपनी नई वैश्विक रिपोर्ट जारी की. 180 देशों की यह सूची इस आधार पर बनाई गई है कि लोगों को वह देश कितना भ्रष्ट लगता है. इस लिस्ट में डेनमार्क जहां सबसे कम भ्रष्टाचार देश बताया गया है, वहीं अफ्रीकी देश सोमालिया को सबसे भ्रष्ट देश माना गया है. जानें इस लिस्ट में क्या रही भारत की रैकिंग

नई दिल्ली: भ्रष्टाचार रोधी संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने मंगलवार को वर्ष 2022 के लिए भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक जारी किया. 180 देशों की इस ताज़ा लिस्ट में पाकिस्तान 140वें स्थान पर है. रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल के मुकाबले वहां के हालात में कोई बदलाव नहीं दिखा है. कर्ज में डूबे इस देश की यह रैंकिंग दिखाती है कि नेताओं ने भ्रष्टाचार निरोधी प्रयासों की अनदेखी की है, पूरे क्षेत्र में बड़े पैमान पर भ्रष्टाचार व्याप्त है.

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने मंगलवार को कहा कि उसके अध्ययन के अनुसार दुनिया के अधिकतर देश भ्रष्टाचार से लड़ने में विफल रहे हैं और 95 फीसदी देशों ने 2017 के बाद से बहुत कम या कोई प्रगति नहीं की है. यह सूचकांक विशेषज्ञों और व्यवसायियों के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के भ्रष्टाचार की धारणा का आकलन करता है. वर्ष 2022 के सूचकांक के मुताबिक डेनमार्क में सबसे कम भ्रष्टाचार देखा गया, जबकि सोमालिया भ्रष्टाचार के मामले में अंतिम स्थान पर रहा.

‘ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल’ की अध्यक्ष डेलिया फरेरा रुबियो ने कहा, ‘भ्रष्टाचार ने हमारी दुनिया को एक और खतरनाक जगह बना दिया है. जैसा कि सरकारें सामूहिक रूप से इसके खिलाफ प्रगति करने में विफल रही हैं, वे हिंसा और संघर्ष में मौजूदा वृद्धि को बढ़ावा देती हैं और हर जगह लोगों को खतरे में डालती हैं.’ उन्होंने कहा, ‘देशों के लिए एकमात्र रास्ता कड़ी मेहनत करना है, सभी स्तर पर भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सरकारें केवल कुछ कुलीन वर्ग के लिए नहीं बल्कि सभी लोगों के लिए काम करती हैं.’

रिपोर्ट देशों को ‘अत्यधिक भ्रष्ट’ से ‘भ्रष्टाचार मुक्त’ के बीच शून्य से 100 के पैमाने पर रैंकिंग करती है. डेनमार्क को इस वर्ष 90 अंकों के साथ सबसे कम भ्रष्ट के रूप में देखा गया और इसके बाद फिनलैंड और न्यूज़ीलैंड दोनों को समान 87 अंक मिले हैं. ब्रिटेन ने पांच अंक के नुकसान के साथ अब तक का सबसे कम स्कोर 73 हासिल किया. पूर्वी यूरोप में भ्रष्टाचार अभी भी बड़े पैमाने पर देखा जा रहा है, क्योंकि कई देश ऐतिहासिक निम्न स्तर पर पहुंच गए हैं. रूस को विशेष रूप से शांति और स्थिरता पर भ्रष्टाचार के प्रभाव के एक स्पष्ट उदाहरण के रूप में रेखांकित किया गया. रूस ने 28 अंक हासिल किए.

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की शक्ति पर किसी भी तरह नियंत्रण की अनुपस्थिति ने उन्हें अपनी भू-राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के दंड से मुक्त करने की अनुमति दी.’ रिपोर्ट के मुताबिक रूस के हमले के पहले यूक्रेन ने कम अंक हासिल किए थे लेकिन वहां महत्वपूर्ण सुधार हुआ है. यूक्रेन को भ्रष्टाचार सूचकांक में 33 अंक मिले.

सूचकांक में 180 देशों और क्षेत्रों की रैंकिंग की गई. सोमालिया 12 अंकों के साथ सबसे नीचे रहा जबकि दक्षिण सूडान 13 अंक के साथ अंतिम स्थान से एक पहले सीरिया के साथ बराबरी पर रहा.इस लिस्ट में भारत 85वें स्थान पर रहा, पिछले साल भी देश इसी पायदान पर था. हालांकि इससे पहले वर्ष 2021 में, भारत की रैंकिंग में वर्ष 2020 के मुकाबले एक अंक सुधरकर 86वें से 85वें स्थान पर पहुंच गई थी.

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