Hindenburg Research ने कहा कि उसका मानना है कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र है और भविष्य में एक उभरती हुई महाशक्ति है।
मुंबई: अडानी समूह (Adani Group) ने रविवार को न्यूयॉर्क स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की रिपोर्ट का जवाब 413 पन्नों में दिया। वहीं इसके एक दिन बाद सोमवार सुबह हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर पलटवार किया है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने सोमवार को प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राष्ट्रवाद के नाम पर धोखाधड़ी को छुपाया नहीं जा सकता।
व्यवस्थित रूप से देश को लूट रहा है अडानी ग्रुप
हिंडनबर्ग रिसर्च ने बताया कि उसका मानना है कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र (vibrant democracy) है और रोमांचक भविष्य के साथ एक उभरती हुई महाशक्ति है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने बयान में कहा, “हम यह भी मानते हैं कि भारत का भविष्य अडानी समूह द्वारा पीछे किया रहा है, जिसने खुद को भारतीय ध्वज में लपेट लिया है और व्यवस्थित रूप से देश को लूट रहे हैं।”
हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने बयान में कहा, “घंटों पहले अडानी ने ‘413 पृष्ठ की प्रतिक्रिया’ जारी की। यह सनसनीखेज दावे के साथ शुरू हुआ कि हम “मैनहट्टन के मैडॉफ्स” हैं। इसने संभावित मुद्दों से ध्यान भटकाने की भी कोशिश की और इसके बजाय एक राष्ट्रवादी नैरेटिव को हवा दी, जिसमें दावा किया गया कि हमारी रिपोर्ट ‘भारत पर सुनियोजित हमला’ है। संक्षेप में अडानी समूह ने भारत की सफलता के साथ अपने जबरदस्त उत्थान और अपने चेयरमैन गौतम अडानी की संपत्ति को मिलाने का प्रयास किया है। हम असहमत है।”
हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा, हम मानते हैं कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र है और एक रोमांचक भविष्य के साथ एक उभरती हुई महाशक्ति है। हम यह भी मानते हैं कि अडानी समूह द्वारा भारत के भविष्य को रोका जा रहा है, जिसने व्यवस्थित रूप से देश को लूटते हुए खुद को भारतीय ध्वज में लपेट लिया है।”
अडानी समूह से 88 प्रश्न पूछे गए
हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि हमारी रिपोर्ट में अडानी समूह से 88 विशिष्ट प्रश्न पूछे गए हैं। इसके जवाब में अडानी उनमें से 62 का विशेष रूप से जवाब देने में विफल रहा। बता दें कि अडानी समूह ने रविवार को हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट का जवाब दिया। अडानी समूह ने अपनी कंपनियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की तुलना ‘भारत पर सुनियोजित हमले’ से की।