गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में लगातार हो रहे हंगामे को लेकर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि दोनों दलों (बीजेपी-कांग्रेस) के अध्यक्षों को सामने-सामने बैठकर बात करनी चाहिए.
नई दिल्ली: विपक्षी दलों की तरफ से लगातार अडानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) बनाए जाने की मांग उठ रही है. इसके पलटवार में अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पहले ही मामले का संज्ञान लिया है और एक जांच समिति का गठन किया है.
अमित शाह ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2023 में कहा कि हमारी सरकार को इस मामले पर कोई भ्रम नहीं है. हम जो कह रहे हैं वह यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने इसकी जांच के लिए एक समिति का गठन किया है और लोगों को न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा करना चाहिए. शाह ने कहा कि अगर किसी के पास सबूत है तो उसे सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के सामने पेश करना चाहिए. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि अगर कुछ गलत हुआ है तो किसी को बख्शा नहीं जाना चाहिए.
विपक्ष बातचीत करेगा तो हल होगा गतिरोध
शाह ने कहा कि अगर विपक्ष बातचीत के लिए आता है तो संसद में मौजूदा गतिरोध को हल किया जा सकता है. अगर विपक्ष “दो कदम आगे” बढ़ता है तो सरकार “दो कदम आगे” बढ़ेगी. शाह ने यह भी कहा कि कुछ ऐसे मुद्दे हैं जो राजनीति से ऊपर हैं और यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी विदेशी जमीन पर घरेलू राजनीति पर चर्चा करने से इनकार कर दिया था.
‘दोनों पक्षों को एक दूसरे से बात करना जरूरी’
शाह ने कहा दोनों पक्षों (बीजेपी और कांग्रेस) के अध्यक्षों को सामने बैठने और चर्चा करने दें. उन्हें दो कदम आगे आना चाहिए और हम दो कदम आगे बढ़ेंगे. फिर संसद चलना शुरू हो जाएगी लेकिन आप बस प्रेस कॉन्फ्रेंस करें और कुछ न करें, यह ऐसे नहीं चल सकता. गृह मंत्री ने कहा कि केवल सत्ता पक्ष या केवल विपक्ष से संसदीय प्रणाली नहीं चल सकती क्योंकि दोनों को एक-दूसरे से बात करनी होती है.