MP पेशाब कांड: बीजेपी नेता प्रवेश शुक्ला ने आदिवासी युवक पर किया पेशाब, डैमेज कंट्रोल में जुटी BJP, सीएम शिवराज चौहान ने घर बुलाकर धोए पाँव

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कांग्रेस विधानसभा में लेकर जाएगी ये मुद्दा, मानहानि का मुकदमा दायर करने की मांग, बीजेपी पर लगाया आरोप

भोपाल: मध्यप्रदेश की सियासत में इन दिनों पेशाब की गंध फैली हुई है। एक बदमिज़ाज शख्स की बदबूदार हरकत ने सत्ताधारी बीजेपी को मुसीबत में डाल दिया है। हालत ये हो गई कि खुद मुख्यमंत्री को डैमेज कंट्रोल के लिए सामने आना पड़ा। जिस आदिवासी युवक पर भाजनाई नेता ने पेशाब की थी, शिवराज सिंह चौहान ने उसके पांव पखारकर कृष्ण-सुदामा का रिश्ता कायम करने की बात कही है। लेकिन कांग्रेस इस मुद्दे को छोड़ना नहीं चाहती। भले ही आरोपी की गिरफ्तारी हो गई हो, NSA लगाने के निर्देश जारी कर दिए गए हों, घर के अवैध हिस्से पर बुलडोजर चल चुका हो..मगर कांग्रेस अभी इसकी आंच को बरकरार रखना चाहती है। यही वजह है कि अब उसने घोषणा कर दी है कि वो विधानसभा में इस मुद्दे को उठाएगी।

एमपी में करीब 22 प्रतिशत आदिवासी वोट हैं और लगभग 84 सीटों पर उनका प्रभाव है। इन्हें बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही अनदेखा नहीं कर सकते। ऐसे में ये ‘पेशाब कांड’ बीजेपी के लिए सिरदर्द बन गया है और कांग्रेस ने इसे लपक लिया है। मध्यप्रदेश के पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने भाजपा नेता द्वारा आदिवासी युवक दशमत रावत के ऊपर पेशाब करने के मामले को क्रूरता का चरम बताते हुए इस अमानवीयता की कड़ी निंदा की है। उन्होने कहा कि आरोपी के खिलाफ मानहानि का केस भी दर्ज होना चाहिए और पीड़ित परिवार को पुलिस प्रोटेक्शन मिलना चाहिए। इसी के साथ सीएम शिवराज पर निशाना साधते हुए उन्होने कहा कि जब कभी भी ऐसी कोई घटना होती है तो वे ‘अपराधियों को 10 फीट जमीन में गाड़ दूंगा’ जैसे बयान देकर इतिश्री कर लेते हैं। बाला बच्चन ने कहा कि विधानसभा के मानसून सत्र में 10 जुलाई से 14 जुलाई के बीच कांग्रेस इस मुद्दे को उठाएगी और कमलनाथ के नेतृत्व में पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने की लड़ाई लड़ेंगे। उन्होने शिवराज सिंह चौहान से अपराधियों पर निरंतर हो रहे अपराधों पर रोक लगाने की मांग भी की है।

बता दें कि बीजेपी नेता प्रवेश शुक्ला की इस शर्मनाक और अमानवीय हरकत के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। मुख्यमंत्री ने उसके ऊपर एनएसए लगाने के निर्देश दिए हैं और कहा है कि अपराधी न किसी पार्टी का होता है न किसी जाति विशेष का। वो सिर्फ अपराधी है और उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इधर उसके घर में बने अवैध अतिक्रमण को भी ढहा दिया गया है। इस प्रकार बीजेपी हरसंभव कोशिश कर रही है कि इस घटना का आगामी विधानसभा चुनावों में कोई विपरीत असर न पड़े। यही वजह है कि सीएम हाउस में पीड़ित को बुलाकर मुख्यमंत्री ने खुद उसके पांव धोए और शॉल ओढ़ाकर सम्मान भी किया। लेकिन कहते है न..कमान से निकला तीर और मुंह से निकले शब्द वापिस नहीं लिए जा सकते। इसी तरह ये घटना भी लोगों की स्मृति से विलोपित नहीं की जा सकती है। अपने ही एक बददिमाग नेता की ये कारस्तानी बीजेपी को कितना नुकसान पहुंचाएगी..ये तो खैर चुनावों के समय ही पता चलेगा। लेकिन फिलहाल इस घटना के बाद भाजपा बैकफुट पर है और मुख्यमंत्री से लेकर संगठन तक इसकी क्षतिपूर्ति में जुटा हुआ है। देखना होगा कि आगामी विधानसभा सत्र में ये मुद्दा कितना ज़ोर पकड़ता है।

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