राहुल ने जिस तरीके से वरुण पर जवाब दिया, उससे उनकी आक्रामकता वरुण की बजाए भाजपा पर ज्यादा थी। सियासी जानकार मानते हैं कि राहुल गांधी का नपातुला बयान यह खारिज नहीं करता है कि वरुण गांधी उनके साथ नहीं आ सकते हैं।
नई दिल्ली: वरुण गांधी के कांग्रेस में आने की जबरदस्त चर्चाओं के बीच राहुल गांधी के एक बयान से एक बार सियासी गलियारों में हलचल मच गई है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि राहुल गांधी ने जिस तरीके का बयान वरुण गांधी को लेकर दिया है, उनके कांग्रेस में शामिल होने का चैप्टर तो बिल्कुल बंद नहीं हुआ है। सियासी जानकार मानते हैं कि राहुल गांधी को वरुण गांधी की विचारधारा से दिक्कत है, न कि वरुण गांधी से। ऐसे में यह बात तो बिल्कुल स्पष्ट है कि वरुण गांधी के कांग्रेस में आने का रास्ता फिलहाल बंद नहीं हुआ है। वहीं दूसरी ओर सियासी गलियारों में राहुल गांधी के बयान के बाद वरुण की निकटता की चर्चा समाजवादी पार्टी के साथ भी होने लगी है।
वरुण की विचारधारा से राहुल को दिक्कत
दरअसल राहुल गांधी ने पिछले दिनों वरुण गांधी पर पूछे गए एक सवाल का जवाब दिया था। राहुल गांधी ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि वरुण गांधी की विचारधारा और उनकी विचारधारा बिल्कुल अलग है। राजनीतिक विश्लेषक जितेंद्र मणि कहते हैं कि वरुण गांधी पर दिए गए राहुल गांधी के बयानों को अगर आप बहुत बारीकी से समझेंगे तो, पता चलेगा कि उन्हें वरुण गांधी से नहीं, बल्कि उनकी विचारधारा से दिक्कत है। और खासतौर से वह विचारधारा जिसके लिए वह संघ के कार्यालय जाते रहते हैं। जितेंद्र कहते हैं कि राहुल के इस बयान के बाद चर्चाएं होने लगीं कि क्या वरुण गांधी की कांग्रेस में आने की जो अटकलें थीं उन पर विराम लग गया है। उनका कहना है कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। वह कहते हैं कि राजनीति संभावनाओं का खेल है। अगर वरुण गांधी भारतीय जनता पार्टी छोड़कर उनके साथ शामिल होते हैं तो संभव है कि राहुल गांधी को उनसे एतराज नहीं होगा।
दरअसल राहुल गांधी ने जिस तरीके से वरुण गांधी पर जवाब दिया, उससे उनकी आक्रामकता वरुण गांधी की बजाए वह जिस पार्टी से ताल्लुक रखते हैं उस पर ज्यादा थी। सियासी जानकार मानते हैं कि राहुल गांधी का नपातुला बयान यह खारिज नहीं करता है कि वरुण गांधी उनके साथ नहीं आ सकते हैं। राजनैतिक विश्लेषक जीडी शुक्ला मानते हैं कि राहुल गांधी ने जवाब देकर वरुण गांधी की विचारधारा और उनके राजनीतिक दल को निशाने पर लिया, लेकिन उन्हें वरुण गांधी को बिल्कुल निशाने पर नहीं रखा। इस बात से स्पष्ट होता है कि अगर भविष्य वरुण गांधी कभी अपनी राजनैतिक विचारधारा त्याग कर या राजनीतिक दल को छोड़ कर कांग्रेस पार्टी में आस्था जताते हैं तो उनकी एंट्री हो सकती है।
प्रियंका चाहती हैं वरुण आएं पार्टी में
दरअसल सियासी गलियारों में बीते कुछ दिनों से वरुण गांधी के कांग्रेस में आने या भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने की चर्चाएं चल रही थीं। चर्चाएं तो यहां तक हैं कि प्रियंका गांधी का रवैया अपने चचेरे भाई वरुण गांधी के प्रति बहुत नरम है। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही थीं कि वरुण गांधी जल्द ही या तो कांग्रेस पार्टी में शामिल हो सकते हैं या कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर भारत जोड़ो यात्रा में अपने कदम रख सकते हैं। लेकिन जिस तरीके से राहुल गांधी ने वरुण गांधी के प्रति अपना रवैया एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया, उससे लगने लगा कि फिलहाल वरुण गांधी का कांग्रेस में आने का चैप्टर क्लोज हो चुका है।
वरुण गांधी की विचारधारा को लेकर राहुल गांधी ने अपना मत स्पष्ट किया, तो कांग्रेस के नेताओं ने भी खुलकर बातचीत करनी शुरू की। कांग्रेस से जुड़े और राहुल की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि इसमें कोई शक नहीं है कि वरुण गांधी विचारधारा और कांग्रेस पार्टी की विचारधारा अलग है। हालांकि उक्त नेता का कहना है कि बीते कुछ समय में जिस तरीके से वरुण गांधी ने खुल करके अपनी पार्टी की नीतियों का विरोध किया है, उससे यह तो स्पष्ट हो गया है कि वरुण गांधी और भारतीय जनता पार्टी के रास्ते बहुत जल्दी अलग हो सकते हैं। हालांकि उनका कहना है कि यह वरुण गांधी और भारतीय जनता पार्टी का अपना मामला है। इसमें कांग्रेस पार्टी से कोई लेना देना नहीं है।
हालांकि वरुण गांधी कांग्रेस में जाएंगे या नहीं जाएंगे, इसे लेकर वरुण गांधी की ओर से अभी तक कोई ऐसा बयान तो जारी नहीं हुआ है। लेकिन राजनीतिक जानकारों का कहना है कि वरुण गांधी जैसे नेता के पास किसी भी बड़ी राजनीतिक पार्टी में जाने के विकल्प हमेशा खुले ही रहेंगे। उत्तर प्रदेश की राजनीति को करीब से समझने वाले एक वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि पिछले कुछ समय में वरुण गांधी की समाजवादी पार्टी के नेताओं से भी मिलने और उनके साथ जुड़ने की चर्चाएं हुई थीं। वह कहते हैं कि फिलहाल वरुण गांधी भारतीय जनता पार्टी में रहेंगे या दूसरी अन्य पार्टी से जुड़ेंगे यह तो उनका अपना फैसला होगा। लेकिन एक बात बिल्कुल तय है कि अगर वह भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होते हैं, तो संभावनाएं प्रबल हैं कि राहुल और वरुण की जोड़ी भारतीय राजनीति में कुछ करिश्मा कर सकेगी।