सुप्रीम कोर्ट के फैसले हर भाषा में उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य प्रगति पर है। व्यवस्था को व्यक्ति के लिए बनाया गया है। इसलिए व्यवस्था व्यक्ति के ऊपर नहीं हो सकती है।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट जिस केस पर अपनी सुनवाई करता है उस केस के फैसले की कॉपी पर अंग्रेजी भाषा का ही उपयोग किया जाता है, लेकिन अब एक ऐसिहासिक निर्णय लेते हुए चीफ जस्टीस ऑफ इंडिया (CJI) ने घोषणा कि है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की कॉपी अब जल्द ही हिंदी सहित देश की अन्य भाषा में उपलब्ध कराई जाएगी।
CJI के इस फैसले के बाद सबसे बड़ा लाभ उन लोगों को होगा जिन्हें अग्रेंजी नहीं आती, जिसके कारण उन्हे दूसरे लोगों पर निर्भर रहने पड़ता है। अब लोगों को अपनी भाषा में अदालत के फैसले की जानकारी मिलेगी। देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड ने 21 जनवरी को बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा (बीसीएमजी) की ओर से मुंबई के दादर स्थित योगी सभागृह में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यह घोषणा की। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि देश के अंतिम व्यक्ति को सस्ते में व तेजी से न्याय मिले, इसके हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। जब तक हमारे देश के नागरिक को उस भाषा में अदालत के फैसले की जानकारी नहीं मिलेगी जिस भाषा को वह समझता है तब तक न्याय व्यवस्था की सार्थकता साबित नहीं होगी।
CJI ने कहा, ‘हमारा काम 99% लोगों तक नहीं पहुंच रहा’
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘हमारे मिशन का अगला कदम हर भारतीय भाषा में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों की उचित कॉपी उपलब्ध कराना है। जब तक हम अपने नागरिकों तक उस भाषा में नहीं पहुंचते जिसे वे समझ सकते हैं, तब तक हम जो काम कर रहे हैं वह 99% लोगों तक नहीं पहुंच रहा है’।