राजस्थान: सचिन पायलट के अल्टीमेटम पर दिल्ली में बैठक, रंधावा ने भी जताई नाराजगी, हाईकमान ले सकता है बड़ा फैसला

Date:

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद अब राजस्थान पर आलाकमान का फोकस
अशोक गहलोत के खिलाफ सड़कों पर उतरे पायलट को लेकर बड़ा फैसला जल्द
दिल्ली में उच्च स्तरीय बैठक बुलाई, बैठक में राहुल गांधी, खड़गे और रंधावा
पायलट को लेकर बड़ा फैसला लिए जाने की संभावना

जयपुर: कर्नाटक विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब राजस्थान कांग्रेस में चल रहे बवाल पर कभी भी बड़ा फैसला लिया जा सकता है। राजस्थान में पिछले कई महीनों से चल रहे सियासी घटनाक्रम को देखते हुए कांग्रेस हाईकमान ने मंगलवार को दिल्ली में उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में राहुल गांधी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिन्दर सिंह रंधावा सहित कुछ चुनींदा बड़े नेता हिस्सा लेंगे। इस बैठक में शामिल होने के लिए सुखजिन्दर सिंह रंधावा करौली दौरे से अचानक दिल्ली पहुंचे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान कांग्रेस में मचे घमासान को रोकने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कोई फैसला लिया जा सकता है।

रंधावा पूरी तरह से पायलट के खिलाफ
सचिन पायलट की ओर से सरकार पर किए जा रहे सियासी हमलों से प्रदेश प्रभारी सुखजिन्दर सिंह रंधावा बेहद नाराज हैं। 11 अप्रैल को जब सचिन पायलट अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठे थे, तब रंधावा ने साफ साफ कहा था कि पायलट का यह कदम पार्टी विरोधी है। ये अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। पायलट के इस निर्णय के खिलाफ रंधावा ने कांग्रेस हाईकमान को लिखित रिपोर्ट पेश की। मीडिया से बातचीत करते हुए रंधावा ने यह भी कहा कि पायलट के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

जन संघर्ष यात्रा पर भी बिफरे सुखजिन्दर सिंह रंधावा
एक दिन के अनशन के ठीक एक महीने बाद 11 मई से सचिन पायलट ने अजमेर से जयपुर तक जन संघर्ष पद यात्रा निकाली। पायलट के मुताबिक यह यात्रा बीजेपी राज में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ थी लेकिन सब जानते हैं कि यह यात्रा अशोक गहलोत के खिलाफ दी। पायलट अपनी सभा में कई मर्तबा कह चुके हैं कि उन्होंने अपनी सरकार में तीन साल तक इंतजार किया। बाद में सरकार को पत्र लिखे। जब सालभर तक पत्रों का कोई जवाब नहीं दिया गया तो उन्हें जनता के बीच उतरना पड़ा। पायलट की यात्रा का विरोध करते हुए रंधावा ने कहा कि इस यात्रा से कांग्रेस का कोई लेना देना नहीं है जबकि यात्रा के समापन के दौरान जयपुर में हुई आमसभा में तीन मंत्री और एक दर्जन से ज्यादा कांग्रेसी विधायकों ने अपनी ही पार्टी की सरकार और सरकार के मुखिया को जमकर कोसा।

पायलट के कारण पार्टी को नुकसान होना तय
सचिन पायलट की ओर से लगातार अपनी ही पार्टी की सरकार पर सवाल उठाने से कांग्रेस को नुकसान होना तय माना जा रहा है। हालांकि पायलट के पास नए विधायकों की संख्या ज्यादा है लेकिन कई सीनियर कांग्रेसी नेता भी पायलट के समर्थन में डटकर खड़े हैं। इनमें पूर्व पीसीसी चीफ चौधरी नारायण सिंह, कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी, राजेन्द्र सिंह गुढ़ा, बृजेन्द्र ओला, दीपेन्द्र सिंह शेखावत, पूर्व मंत्री राजेन्द्र चौधरी सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं। खासतौर पर गुर्जर समाज के युवा सचिन पायलट के पायलट के पूरे समर्थन में हैं। ऐसे में आगामी चुनावों में कांग्रेस का समीकरण बिगड़ सकता है।

कर्नाटक चुनाव के चलते टली हुई थी कार्रवाई
सचिन पायलट के खिलाफ एक महीने पहले ही कार्रवाई हो जाती लेकिन कर्नाटक चुनाव के चलते ये कार्रवाई टाली जा रही थी। प्रदेश प्रभारी रंधावा सहित कई राष्ट्रीय स्तर के कई नेता सचिन पायलट की ओर से उठाए गए कदम से सहमत नहीं है। वे पहले ही कार्रवाई करना चाहते थे लेकिन राहुल गांधी ने इसे कुछ दिनों के लिए रोक दिया। पायलट ने सरकार के समक्ष तीन मांगें रखते हुए प्रदेशभर में आन्दोलन करने की चेतावनी दे दी है। ऐसे में चुनावी साल में पार्टी के खिलाफ जाकर प्रचार करने से पार्टी को नुकसान होना तय है। इस मसले पर अब पार्टी आलाकमान एक्शन का मूड बना रहा है।

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Popular

More like this
Related

Rajasthan Election 2023: कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, सीएम गहलोत के विश्वस्त दाधीच हुए भाजपा में शामिल

राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक...
en_USEnglish