Rajasthan: पुलिस की हाथापाई के बाद किरोड़ी लाल की तबीयत बिगड़ी, SMS में भर्ती, समर्थकों ने कई जगह हाईवे किए जाम

Date:

बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि ‘महिलाएं केवल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी से मिलने की गुहार लगा रही हैं। मुख्यमंत्री उनकी बात सुनकर इतना घबरा क्यों रहे हैं?’ बाद में मीणा शहीदों की पत्नियों से मुलाकात करने के लिए गए लेकिन जयपुर जिले के चौमू कस्बे के तहत आने वाले सामोद थाने की पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक दिया।

जयपुर: भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद किरोड़ी लाल मीणा की तबीयत खराब हो गई। किरोड़ा लाल मीणा शहीदों की पत्नियों से मुलाकात करने के लिये चौमू कस्बे जा रहे थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके साथ हाथापाई की गई और उन्हें हिरासत में लिया गया है। किरोड़ी लाल मीणा को घटना के बाद गोविंदगढ़ के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां से उनकी सेहत को देखते हुए जयपुर के एसएमएस अस्पताल भिजवा दिया। इधर मीणा की तबीयत खराब होने पर अस्पताल के बाहर उनके समर्थकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। बाद में विधानसभा में विपक्षी दल के उपनेता राजेंद्र राठौड़ और पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने मीणा से अस्पताल में मुलाकात की।

किरोड़ा लाल मीणा ने ट्वीट करते हुए आरोप लगाया, ‘पुलिस ने मुझे मारने की कोशिश की, लेकिन वीरांगनाओं, युवा, बेरोजगारों और गरीबों के आशीर्वाद से बच गया। मुझे चोट आई है। गोविंदगढ़ अस्पताल से मुझे जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल रेफर किया गया है।’ किरोड़ी लाल मीणा की तबीयत खराब होने पर बीजेपी नेताओं ने गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

मीणा के साथ पुलिस का बर्बर व्यवहार बेहद निंदनीय: वसुंधरा
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने ट्वीट करते हुए कहा कि शहीदों की वीरांगनाओं की मांगों के लिए आंदोलनरत डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के साथ पुलिस का बर्बर व्यवहार बेहद निंदनीय है। कांग्रेस सरकार की ओर से लाठी का डर दिखाकर वीरांगनाओं की आवाज को कुचलने का यह अलोकतांत्रिक प्रयास बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’

किरोड़ी लाल मीणा पर करीब तीन बजे हुई कार्रवाई
मीणा के एक करीबी सहयोगी ने बताया कि पुलिस की कार्रवाई तड़के करीब तीन बजे हुई जब मीणा अपने आवास गए थे। ये वीरांगनाएं 28 फरवरी से प्रदर्शन कर रही हैं। इन्होंने नियमों में बदलाव की मांग करते हुए छह दिन पहले अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी थी ताकि न सिर्फ उनके बच्चों बल्कि उनके रिश्तेदारों को भी अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी मिल सके। उनकी अन्य मांगों में सड़कों का निर्माण और उनके गांवों में शहीदों की प्रतिमाएं लगाना शामिल हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को इन मांगों पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया कि शहीद जवानों के बच्चों के बजाए अन्य रिश्तेदारों को नौकरी देना क्या ‘उचित’ होगा?

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Popular

More like this
Related

Rajasthan Election 2023: कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, सीएम गहलोत के विश्वस्त दाधीच हुए भाजपा में शामिल

राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक...
en_USEnglish