Rajasthan: गहलोत से उखड़े उखड़े से क्यों हैं प्रतापसिंह खाँचरियावास, जयपुर के बंटवारे से नाराजगी या पायलट से नजदीकी

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राजस्थान सरकार के कद्दावर मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास इन दिनों सीएम अशोक गहलोत के जिले बनाने के फैसले से नाराज चल रहे हैं। प्रताप सिंह सीएम का नाम लिए बगैर लगातार हमालवर हैं। उनक आपत्ति खासकर जयपुर में 2 नए जिले बनाने को लेकर है। वह नहीं चाहते हैं कि जयपुर का बंटवारा हो।

जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी रहे कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास गहलोत से लगातार नाखुश नजर आ रहे हैं। एक के बाद एक बिना नाम लिए उन्होंने कई बार सीएम गहलोत पर हमला किए हैं। हाल ही में राजस्थान में 19 नए जिलों की घोषणा के बाद प्रताप सिंह खाचरियावास ने आपत्ति जताई है। उनकी आपत्ति जयपुर में 2 जिले बनाए जाने को लेकर है। खाचरियावास कतई नहीं चाहते हैं कि जयपुर का बंटवारा हो। इसलिए उन्होंने अपने बयानों से जयपुर में 2 जिले बनाए जाने की घोषणा पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई

खाचरियावास वर्तमान में जयपुर के सिविल लाइंस विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। सीएम गहलोत की नई घोषणा के बाद जयपुर को 2 जिले जयपुर उत्तर और जयपुर दक्षिण के रूप में बांटा जा रहा है। लिहाजा इस घोषणा के बाद प्रताप सिंह कतई खुश नजर नहीं आए। इसको लेकर उन्होंने अपने बयानों में गहलोत की दो जयपुर को 2 जिलों में बांटने की घोषणा पर आपत्ति दर्ज कराई है। माना जा रहा है कि खाचरियावास कई राजनीतिक मायनों के चलते इस घोषणा को नुकसानदायक मान रहे हैं। शायद खाचरियावास को आशंका है कि जयपुर 2 जिलों में विभक्त होता है तो, इससे उनका वोट बैंक प्रभावित हो सकता हैं। शायद यही डर है। इस कारण खाचरियावास यह बिल्कुल भी नहीं चाहते हैं कि जयपुर का बंटवारा हो। इसके अलावा भी खाचरियावास की नजर में कई राजनीतिक मायने हो सकते हैं। जो उनके लिए नुकसानदेह हो सकते हैं।

पायलट से मुलाकात के बाद खाचरियावास के बदले सुर
एक समय था जब खाचरियावास पायलट को छोड़कर सीएम गहलोत के काफी करीबी माने जाते थे। लेकिन कांग्रेस में चले सियासी बवाल के बीच अचानक सचिन पायलट से मुलाकात के बाद खाचरियावास के सुर काफी बदल गए। गहलोत से उनकी दूरी बढ़ने लगी। खाचरियावास ने अपने बयानों में पायलट के लिए नरमी जताते हुए कई बार उनका पक्ष लिया है। हाल ही में दिल्ली में सचिन पायलट की ओर से विधायक दल की बैठक बुलाने के मुद्दे को लेकर भी खाचरियावास उनके पक्ष में नजर आए। उन्होंने मीडिया में बयान देते हुए कहा कि यदि पायलट विधायक दल की बैठक बुलाना चाहते हैं तो, इसमें क्या गलत है। उनकी मांग वाजिब है। विधायक दल की बैठक बुलाई जानी चाहिए।

यूं शुरू हुआ गहलोत से नाराजगी का सिलसिला
मंत्री प्रताप सिंह ने अधिकारियों की एसीआर भरने को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत के समक्ष यह मुद्दा उठाया था। लेकिन गहलोत ने इस मांग को नजरअंदाज कर दिया। इससे खफा खाचरियावास गहलोत से कटे कटे नजर आने लगे। खाचरियावास की गहलोत से उस समय और नाराजगी बढ़ गई। जब सीएम की बजट घोषणा में एनएफएसए परिवारों को 3000 करोड़ के सालाना बजट वाले फूड पैकेट बांटने की काम में नोडल एजेंसी खाद्य विभाग की जगह आईसीडीएफ विभाग की कॉनफेड को देने का निर्णय लिया। इस घटना के बाद मंत्री खाचरियावास काफी नाराज नजर हो गए। उन्होंने यहां तक कह दिया कि हमारे विभाग का काम किसी दूसरे को दिया जाता है तो, मेरा विभाग बंद कर दिया जाए। बस इसी के बाद खाचरियावास पायलट के समर्थन में हो गए।

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