राजस्थान: 67 साल में 26 से बने 50 जिले, समझिए प्रदेश में अब नए जिलों की गणित

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राजस्थान में एक नवम्बर 1956 को 26 जिले थे और तब जनसंख्या 1 करोड़ 59 लाख थी। अप्रेल 1982 को धौलपुर नया जिला बनने पर संख्या 27 हो गई। उस समय आबादी 3 करोड़ 42 लाख हो गई। 2008 में प्रतापगढ़ आखिरी नया जिला बना, तब आबादी करीब छह करोड़ थी।

जयपुर: राजस्थान में एक नवम्बर 1956 को 26 जिले थे और तब जनसंख्या 1 करोड़ 59 लाख थी। अप्रेल 1982 को धौलपुर नया जिला बनने पर संख्या 27 हो गई। उस समय आबादी 3 करोड़ 42 लाख हो गई। 2008 में प्रतापगढ़ आखिरी नया जिला बना, तब आबादी करीब छह करोड़ थी। अब आबादी 8 करोड़ से अधिक होने का अनुमान है, रामलुभाया कमेटी के पास नया जिला बनाने के लिए करीब 60 प्रस्ताव थे। कमेटी की इनके बारे में रिपोर्ट के आधार पर ही अब नए जिले बनाए गए हैं।

  • धौलपुर जिला बना – अप्रेल 1982
  • बारां जिला बना – अप्रेल 1991
  • दौसा जिला बना – अप्रेल 1991
  • राजसमन्द जिला बना – अप्रेल 1991
  • हनुमानगढ़ जिला बना – जुलाई 1994
  • करौली जिला बना – जुलाई 1997
  • प्रतापगढ़ जिला बना – 2008

देश में लगातार बढ़ रहे जिले
देश में 650 जिले थे, जो पिछले साल 739 और अब 757 हो गए हैं। आंध्रप्रदेश में जिलों की संख्या 11 से बढ़ाकर एकदम से 30 कर दी गई। अब तेलंगाना व आंध्रप्रदेश दोनों को मिलाकर कुल 63 जिले हो गए हैं, जबकि विभाजन के समय दोनों राज्यों में कुल जिलों की संख्या आधे के करीब होती थी।

प्रशासनिक व्यवस्था और आर्थिक स्थिति

  • आईएएस के पद
    वर्ष 1980 – 263
    वर्ष 2010 – 280
    वर्ष 2023 – 313
    1980-81 में राजस्थान की आय 964 करोड़ रुपए और व्यय 1006 करोड़ रुपए।
    2001-02 में आय बढ़कर 26394 करोड़ रुपए और व्यय 17970 करोड़ रुपए।
    2022- आय 3,90,942 करोड़ रुपए और व्यय 3,90,805 करोड़ रुपए।

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